गोपालगंज : बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व गोपालगंज जिले में गुरुवार को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काटा. कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष सुभाष सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार नहीं बनाये जाने से नाराज कार्यकर्ताओं का गुस्सा शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ फूट पड़ा. जिला कांग्रेस कार्यालय पर कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया. इस दौरान नाराज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राहुल-सोनिया गांधी का बैनर-पोस्टर फाड़ तोड़फोड़ की. साथ ही बैनर-पोस्टर को फूंक कर विरोध जताया गया.
शहर के मारवाड़ी मुहल्ला स्थित कांग्रेस कार्यालय में घंटों हंगामा होता रहा. कांग्रेस कार्यालय के सामान को कमरे से निकाल कर फेंक दिया गया. जिले में अब कांग्रेस कार्यालय विहीन हो चुकी है. कार्यकर्ताओं का आरोप था कि जब कांग्रेस अपने अस्तित्व के लिए लड़ रही थी तब सुभाष सिंह कुशवाहा ने अपने मारवाड़ी मुहल्ला स्थित मकान में कार्यालय खोलवा दिया. कांग्रेस के लिए दिन-रात एक करते रहे. पिछले 15 वर्षों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट रखा. जब टिकट मिलने की बारी आयी तो पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं एवं मान-मर्यादा को ताक पर रखकर दरकिनार कर दिया गया.
इससे आहत होकर कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष ने पद व प्राथमिक सदस्यता से भी सुभाष सिंह कुशवाहा ने इस्तीफा दे दिया. गुरुवार की सुबह नौ बजते ही बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे और कार्यालय के बोर्ड, बैनर, पोस्टर को नोच कर आग के हवाले कर दिया. उधर, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष इफ्तेखार हैदर ने बताया कि टिकट की घोषणा होने के साथ ही रात के 11 बजे ही कार्यालय के आवश्यक सामान को हमने हटवा लिया था.
कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाने वाले सुभाष सिंह कुशवाहा ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने के साथ ही आरोप लगाया कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, सदानंद सिंह, अरविंद पांडेय ने मिलकर टिकट बेचने का काम किया है. मैंने पार्टी की 15 वर्षों से सेवा की. टिकट देने की बारी आयी तो ऐसे प्रत्याशी को दिया गया, जिसे गोपालगंज के वोटर देखे तक नहीं हैं. कांग्रेसमुक्त बिहार बनाने का काम इन लोगों ने किया है. मैं कांग्रेस को हराने का काम करूंगा. उसके बाद तय करेंगे कि आगे क्या करें.
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Upload By Samir Kumar