गोपालगंज : कोरोना वायरस को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है. कोरोना पर काबू पाने के लिए लोगों को आइसोलेट किया जा रहा है. वहीं, कुछ लोग सरकार की कोशिशों को नाकाम कर रहे हैं. दिल्ली के निजामुद्दीन तबलीगी जमात के लोगों को आइसोलेशन वार्ड में रखने का फैसला किया गया है. लेकिन, वे अपनी सुरक्षा भी नहीं सोच रहे हैं.
शहर के एमएम उर्दू हाइस्कूल में सैंपल देने के बाद आइसोलेशन वॉर्ड में भर्ती एक संदिग्ध तबलीगी जमात का सदस्य फरार हो गया. उसके फरार होने के बाद हड़कंप मच गया. पुलिस के हाथ-पांव भी फुलने लगे. वरीय अधिकारियों को सूचना मिलने के बाद आनन-फानन में छापेमारी की गयी. पुलिस ने छापेमारी के बाद उसको जादोपुर थाने के मंसूरी टोला से पकड़ा गया और गुरुवार को सुरक्षा के बीच उसे सदर अस्पताल लाया गया. इसके बाद आइसोलेशन वार्ड में पुलिस की निगरानी बढ़ा दी गयी है.
एमएम उर्दू हाइस्कूल में कोरोना की जांच के लिए सैंपल देने के बाद संदिग्ध मरीज फरार क्यों हो गया. रिपोर्ट आने से पहले संदिग्ध के फरार होने से कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं. पुलिस की सुरक्षा-व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगा है. एमएम उर्दू हाइस्कूल में किस तरह की सुरक्षा थी कि सैंपल देने के बाद संदिग्ध फरार हो गया.
कोरोना की जांच के लिए सैंपल देने के बाद फरार होने के मामले में कई जगहों पर प्राथमिकी दर्ज करायी जा रही है. लेकिन, यहां अब तक इस तरह की कार्रवाई नहीं की गयी है. खुफिया विभाग की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू करते हुए घर से संदिग्ध मरीज को पकड़ लिया.
सदर अस्पताल के आइसोलेशन सेंटर में गुरुवार को दो और संदिग्ध मरीज भर्ती किये गये. दोनों मरीज सिधवलिया और बरौली प्रखंड के रहनेवाले हैं. स्वास्थ्य विभाग ने दोनों संदिग्धों को एंबुलेन्स से मंगाकर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया. बाद में उसे बलेसरा स्थित क्वारेंटिन सेंटर में भेजने की बात कही जा रही है.