15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सारण तटबंध को तोड़कर दूसरी बार बेकाबू हुई गंडक, कई गांव डूबे

देवापुर में सारण तटबंध को तोड़कर दूसरी बार बेकाबू हुई गंडक की लहरों ने बरौली प्रखंड के कई दर्जन गांवों में जल प्रलय की स्थिति पैदा कर दी है.

बरौली. देवापुर में सारण तटबंध को तोड़कर दूसरी बार बेकाबू हुई गंडक की लहरों ने बरौली प्रखंड के कई दर्जन गांवों में जल प्रलय की स्थिति पैदा कर दी है. कोई भी ऐसा गांव नहीं है, जहां बाढ़ के पानी ने अपना रौद्र रूप नहीं दिखाया हो. प्रखंड के देवापुर, प्यारेपुर, कोटवां, सिसई, रतनसराय, बड़ा बढेयां, छोटा बढेयां, सरफरा, खजुरिया आदि गांवों में तो बाढ़ ने अपना प्रलयंकारी रूप दिखाया ही, सबसे खराब हालत प्रखंड के दक्षिणी क्षेत्र के गांवों की है, जहां तीसरी बार आये बाढ़ के पानी में हजारों ग्रामीण फंसे हैं. बाढ़ राहत या एनडीआरएफ की टीम अब तक वहां नहीं पहुंची है. इन गांवों में बघेजी, बलहां, पचरूखिया, पिपरा, महम्मदपुर निलामी, जद्दी, मटियारा, पंडितपुर, कुतुलुपुर आद शामिल हैं.

पसरा सन्नाटा, खुल रहीं दुकानें, लेकिन नहीं आ रहे ग्राहक

बाढ़ के पानी ने शहर के थाना रोड, पायल टॉकिज रोड सहित बाजार के दक्षिणी हिस्से की दुकानों तक अपना पैर फैला दिया है. सबसे अधिक परेशानी पायल टॉकिज रोड तथा थाना रोड स्थिति दुकानों की है. यहां सड़क पर एक फुट पानी बह रहा है और निचली दुकानों में दो फुट तक पानी भर गया है. तीसरे दौर के बाढ़ ने बरौली बाजार के दुकानदारों के चेहरे पर मायूसी ला दी है. बाजार के जिस हिस्से में पानी है, उधर तो दुकानें बंद हैं. लेकिन जिधर खुली हैं उधर ग्राहकों का इंतजार हो रहा है. पूरे बाजार के सभी दुकानदारों की यही स्थिति है. पहले कोरोना में चार महीने तक दुकानदार परेशान रहे, फिर कुछ छूट मिली तो पिछली बार आये बाढ़ ने करीब डेढ महीने तक बर्बाद किया. पानी हटने के बाद जैसे ही बाजार में कुछ रौनक लौटी, तीसरी बार के बाढ़ ने दुकानदारों की रही-सही कमर भी तोड़ने की कोशिश शुरू कर दी है.

मांझा के हरिओम् फीड्स में घुसा बाढ़ का पानी

गोपालगंज, पहले का ही घाव अभी नहीं भरा है तब तक उसी जगह पर दूसरा जख्म मिल गया. जख्म पर जख्म हो तो हाल क्या होगा अंदाजा लगाया जा सकता है. यह दर्द है गंडक के पानी का. एक बार फिर से हर तरफ बाढ़ के पानी का सैलाब है. दूसरी बार अपना आशियाना छोड़ दर्द से कराहते लोग हाइवे और सड़कों पर बसेरा बना लिये हैं. पहली बार के बाढ़ के बाद जो बचा था, वह भी अब बर्बाद हो जायेगा.

दो माह में दूसरी बार बाढ़

यह दर्द है उन लोगों की, जो महज दो माह में दूसरी बार बाढ़ की विभीषिका को झेलने को मजबूर हैं. ग्रामीण 23 जुलाई को देवापुर में बांध टूटने के बाद बाढ़ का तांडव देख चुके हैं और दर्द को सह चुके हैं. बता दें कि जिले में 23 जुलाई की रात देवापुर में छरकी और मेन बांध टूटा था. इसका खमियाजा मांझा से लेकर बैंकुंठपुर तक लगभग 3.82 लाख आबादी को भुगतनी पड़ी, साथ ही इसका असर सीवान और छपरा जिले के क्षेत्र में भी रहा. इस बाढ़ ने 16 लोगों की जान ले ली. अभी एक दर्जन टूटी सड़कों पर चचरी पुल से लोग आवागमन कर रहे थे तबतक फिर स गंडक की धारा बाढ़ बनकर सितम ढाने लगी है. अभी बाढ़ पीड़ितों का दर्द मिटा भी नहीं था, तबतक एक बार फिर से संकट उत्पन हो गया है. दो दिन से गंडक का तांडव जारी है.

posted by ashish jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें