गोपालगंज : वैश्विक महामारी कोरोना से लोग भयभीत है. कोरोना को मात देने के लिए लोग गांव में भरमार गुरूच का काढ़ा भी अपने दिनचर्या में शामिल कर चुके है. शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में अमृता (गिलोय) जिसे गांव में गुरूच कहते हैं यह गांव में हर जगह उपलब्ध है. नीम के पेड़ पर लटकते इसके तने को काटकर लोग खूब प्रयोग कर रहे हैं. गावों के जंगलों सहित घर के आसपास जगलों की तरह इसकी तना बहुत तेजी से बढ़ती है. पान के पत्ते की तरह चिकने हरे रंग के पौधे में गर्मी में फूल भी आते हैं.
जानकार बताते हैं कि इसका हर भाग विशेषकर तना जड़ी-बूटियों में से एक है. यह टाइफाइड, मलेरिया, कालाजार, डेंगू, विषम ज्वर, कफ, उल्टी, बेहोशी, पीलिया, धातु विकार, पील पांव, यकृत निष्क्रियता, सिफलिश, यहां तक कि कुष्ठ रोग में भी औषधि का कार्य करती है. आर्युवेदाचार्य डॉ आशुतोष कुमार पांडेय बताते हैं कि शास्त्रों में वर्णित है, यह कफ, पित्त, बात, त्रिदोष मिटाने के अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा खून भी साफ करती है. यह अमृता सभी प्रकार के बुखार, खांसी खत्म करने वाली प्राकृतिक औषधि है.
उन्होंने बताया कि चरक संहिता में इसको पढ़कर मैं इसका तना काटकर हमेशा इसका प्रयोग करते हूं. गांवों में इसकी हर जगह भरमार है. इसमें तुलसी पत्ता, गोलमिर्च, नीबू, अदरक, दालचीनी भी मिला ले तो और ही बेहतर होगा. एक गिलास पानी में इन्हें डालकर उबाले. एक कप बन जाये तो छानकर चाय की तरह पी जाये. इसका काढ़ा बनाकर पीने से कोरोना जैसी बीमारी में भी लाभ यकीनन होगा.
गौर हो कि बिहार में कोरोना संक्रमण के सीवान में अब तक सबसे अधिक 29 मामले, मुंगेर में 17, बेगूसराय नौ, नालंदा में सात, पटना में छह, गया में पांच, गोपालगंज एवं नवादा में तीन-तीन, बक्सर में दो, सारण, लखीसराय, भागलपुर एवं वैशाली में एक-एक मामला सामने आया है. ओमान से लौटे सीवान निवासी एक मरीज के संपर्क में आने से अब तक 23 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है.
वहीं, कतर से लौटे मुंगेर निवासी एक मरीज के संपर्क में 64 व्यक्ति आये थे जिनमें से 55 के नमूने जांच के लिए आरएमआरआई में भेजे गये थे, जिसमें से 11 में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी. बिहार में अब तक 9, 543 नमूनों की जांच की जा चुकी है और कोरोना वायरस से संक्रमित 37 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो गये हैं.