UP News: गोरखनाथ मंंदिर में तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला करने के आरोपी मुर्तजा अहमद अब्बासी से मिले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का यूपी एटीएस ने डाटा एनालिसिस किया. मुर्तजा के जीमेल, ट्विटर, फेसबुक, टेलीग्राम एकाउंट्स, विभिन्न बैंक खातों, ई-वालेट के वित्तीय लेनदेन का भी विश्लेषण किया गया. इस दौरान यूपी एटीएस को कई अहम सुबूत मिले.
यूपी एटीएस के मुताबिक, मुर्तजा अहमद अब्बासी 2014 में बेंगलुरु पुलिस की ओर से गिरफ्तार ISIS एक्टिविस्ट मसरूर बिश्वास के संपर्क में था. वह आतंकी संगठनों और ISIS की आतंकी विचारधारा को बढ़ाने वाले विचारों से प्रेरित था. अभियुक्त ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आतंकवादी प्रोपेगेंडा एक्टिविस्ट के समक्ष 2013 में अंसार उल तौहीद की शपथ ली थी, जिसका वर्ष 2014 में आईएसआईएस में विलय हो गया. अभियुक्त की ओर से 2020 में आईएसआईएस संगठन की दोबारा शपथ ली गई.
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मुर्तजा अहमद अब्बासी अपने बैंक खातों के माध्यम से साढ़े ₹8 लाख यूरोप तथा अमेरिका के अलग-अलग देशों में आईएसआईएस संगठनों के समर्थकों के माध्यम से सहयोग देने के लिए भेजा. वह आतंकी घटना करने के उद्देश्य से विभिन्न शस्त्रों जैसे एके-47, करबाइन, मिसाइल टेक्नोलॉजी आदि के संबंध में लगातार पढ़ रहा था. उसने एयर राइफल की प्रैक्टिस भी की थी.
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यूपी एटीएस के मुताबिक, मुर्तजा अहमद अब्बासी की ओर से आईएसआईएस विचारधारा से प्रेरित होकर गोरक्षनाथ मंदिर के दक्षिणी गेट की सुरक्षा पर तैनात कर्मियों पर जानलेवा हमला किया गया और मंदिर की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों की राइफल छीनने का प्रयास किया गया. उसकी मूल योजना सुरक्षा में तैनात कर्मियों पर बांके से हमला कर उनके हथियार छीन कर बड़ी घटना करने की थी. वह लोन वुल्फ अटैक के वीडियो भी देखा करता था.