Manish Gupta Case: कानपुर के रियल एस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में पुलिस पिटाई में हत्या की विभागीय जांच पूरी हो गई है. जांच में सभी आरोपी पुलिसकर्मी दोषी मिले हैं. पुलिसकर्मियों पर अनुशासनहीनता का आरोप भी लगे हैं. जांच में पता चला है कि सारे आरोपी पुलिसकर्मियों ने अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश की. उन्होंने अधिकारियों के निर्देशों के पालन में लापरवाही भी की है.
मनीष गुप्ता केस में एक वीडियो भी गुरुवार को सामने आया. वीडियो में दिखाई दिया कि मनीष का शरीर बेसुध पड़ा है. उसे पुलिस उठाकर ले जा रही है.
सूत्रों की मानें तो पुलिस अधीक्षक (उत्तरी) मनोज कुमार अवस्थी ने मनीष गुप्ता हत्याकांड की जांच रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन कुमार ताडा को सौंप दी है. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आरोपियों को बर्खास्त किया जाएगा. दरअसल, कानपुर के रीयल एस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने 29 सितंबर को एसएसपी को आवेदन देकर पति मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या का आरोप लगाया था.
उन्होंने आवेदन में जिक्र किया था कि 28 सितंबर की रात में रामगढ़ताल थाना पुलिस ने उनके पति मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दी. एसएसपी ने तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक जगत नारायण सिंह, फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा, उपनिरीक्षक विजय यादव, राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव, कांस्टेबल प्रशांत कुमार को निलंबित किया. एसएसपी ने विभागीय जांच की जिम्मेदारी एसपी नार्थ मनोज अवस्थी को दी थी.
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प्रभात खबर को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आठ दिनों की जांच के बाद एसपी नार्थ ने निलंबित किए गए सभी पुलिस कर्मियों को दोषी बताया है. उन्होंने एसएसपी के पास भेजी जांच रिपोर्ट में जिक्र किया है कि सभी पुलिस कर्मी दोषी हैं. उन्होंने घोर अनुशासनहीनता बरती है. विभागीय नियमों की अनदेखी की है. उन्होंने अधिकारियों को झूठी सूचना दी. पुलिसकर्मियों की लापरवाही से विभाग की छवि धूमिल हुई है. ऐसी जानकारी मिली है कि निलंबित पुलिसकर्मियों के घर नोटिस भेजी जाएगी.
(इनपुट: अभिषेक पांडेय, गोरखपुर)