यूपी के पूर्व मंत्री और बाहुबली नेता रहे अमरमणि त्रिपाठी एक बार फिर 22 साल पुराने अपहरण कांड मामले में बस्ती के एमपी/एमएलए कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. अदालत में गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान कोतवाल को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर दो दिसंबर को अमरमणि पेश नहीं होते हैं तो उनकी संपत्ति कुर्क कर दी जाए. साथ ही कोर्ट ने कोतवाल को भी इस दिन हाजिर रहने का आदेश दिया है. अमरमणि त्रिपाठी 6 दिसंबर, 2001 को हुए व्यापारी पुत्र राहुल मद्धेशिया अपहरण मामला सहित तीन आरोप में अब तक कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए हैं. न्यायाधीश प्रमोद कुमार गिरि ने अमरमणि त्रिपाठी की तरफ से दी गई हाजिर होने की मोहलत अर्जी को खारिज कर दिया. पिछली सुनवाई पर ही अदालत ने अमरमणि के खिलाफ कुर्की नोटिस जारी कर दिया था. लेकिन शहर कोतवाल ने कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया. इसपर कोर्ट ने शहर कोतवाल को कार्यवाही में अक्षम बताते हुए पूछा कि क्यों न उन्हें दंडित किया जाए. कोर्ट ने कोतवाल को भी दो दिसंबर तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.
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बता दें कि इससे पहले 17 अक्टूबर को कोर्ट ने पुलिस को सख्त निर्देश दिए थे कि हर हाल में अमरमणि की गिरफ्तारी की जाए. साथ ही उसे 1 नवंबर को पेश किया जाए. कोर्ट ने 17 अक्टूबर की सुनवाई के दौरान एनबीडब्लू भी जारी किया था. 14 दिन के बाद भी पुलिस अमरमणि को गिरफ्तार नहीं कर सकी. इसके बाद 1 नवंबर सुनवाई के दौरान जब अमरमणि कोर्ट में पेश नहीं हुए तो कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है.
गौरतलब है कि बस्ती के व्यापारी धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल का 22 साल पहले अपहरण हो गया था. पुलिस ने उसे अमरमणि त्रिपाठी के लखनऊ स्थित आवास से बरामद किया था. इस मामले में अमरमणि समेत 6 से अधिक आरोपी बनाए गए थे. सालों से बस्ती कोर्ट में इस केस का ट्रायल चल रहा है. वारंट जारी होने के बाद भी अमरमणि कोर्ट में पेश नहीं हुआ. बता दें कि हाल ही में अमरमणि को कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में जेल से रिहा किया जा चुका है. साथ में उनकी पत्नी मधमणि त्रिपाठी भी जेल से छूट चुकी हैं.