सीएम योगी अपने गोरखपुर दौरे के दूसरे दिन यानि सोमवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन में लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं. मुख्यमंत्री ने फरियादियों की समस्या सुनते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस मामले में त्वरित संवेदनशीलता दिखाएं. समस्या से जुड़ी शिकायत पर तेजी से कार्रवाई करते हुए गुणवत्तापूर्ण व संतुष्टिपरक समाधान सुनिश्चित कराएं. समस्या लेकर पहुंचे लोगों को मुख्यमंत्री ने आश्वस्त करते हुए कहा कि घबराइए मत, सरकार हर समस्या पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित कराएगी. दरअसल, रविवार को वनटांगियों के साथ दिवाली मनाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में आयोजित जनता दर्शन के दौरान करीब 300 लोगों से मुलाकात की. महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के बाहर लगी कुर्सियों पर बैठाए गए लोगो तक मुख्यमंत्री खुद पहुंचे और एक-एक कर उनकी समस्याओं को सुना. इत्मीनान से समस्या सुनते हुए उनके प्रार्थना पत्र लिए. पास में खड़े अधिकारियों को समस्या समाधान हेतु आवश्यक दिशानिर्देश दिए. अलग-अलग मामलों से जुड़े समस्याओं के निस्तारण के लिए उन्होंने संबंधित प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को प्रार्थना पत्र संदर्भित कर निर्देशित किया कि सभी समस्याओं का निस्तारण समयबद्ध, निष्पक्ष और सन्तुष्टिपरक होना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने अपराध व जमीन कब्जा किए जाने से संबंधी शिकायतों पर पुलिस अधिकारियों को अपराधियों व भू-माफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा यदि कोई दबंग, माफिया किसी की जमीन जबरन कब्जा कर रहा हो तो उसके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए. गरीबों को उजाड़ने वाले कतई न बख्शे जाएं. जनता दर्शन में हर बार की तरह कुछ लोग इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लेकर आए थे. मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिया कि धन के अभाव में किसी का इलाज नहीं रुकेगा.
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उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया कि जो भी जरूरतमंद हैं, प्रशासन उनके उच्च स्तरीय इलाज का इस्टीमेट शीघ्रता से बनवाकर उपलब्ध कराए. इस्टीमेट मिलते ही सरकार तुरंत धन उपलब्ध कराएगी. इस दौरान एक महिला अपनी बच्ची के दोनों आंखों में मोतियाबिंद की समस्या लेकर पहुंची थी. सीएम योगी ने उसे भरोसा दिया कि इसका इलाज सरकार कराएगी. उन्होंने महिला की बच्ची के लिए अधिकारियों को जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में मोतियाबिंद के मुफ्त इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश दिया.
रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर