Gorakhpur : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के सत्र 2023–24 की विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए रविवार को परीक्षा हुई, जिसमें प्रथम पाली में एमएड की परीक्षा कला संकाय में आयोजित हुई थी. इस दौरान 2 लोग नकल करते पकड़े गए हैं, जो रिश्ते में मामा और भांजी लगते हैं. जिसके बाद केंद्राध्यक्ष ने दोनों के खिलाफ परीक्षा से निष्कासित की कार्रवाई की है. साथ ही दोनों को अगले 3 वर्ष तक विश्वविद्यालय के सभी परीक्षाओं से वंचित कर दिया है.
कला संकाय में आयोजित परीक्षा में मामा और भांजी भी परीक्षा दे रहे थे. मामा अपनी परीक्षा तो दे ही रहा था.साथ में भांजी को सवाल का जवाब बनाकर भेज भी रहा था. कक्ष में बैठे और अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत केंद्र अध्यक्ष से की जिसके बाद इसकी पड़ताल की गई जिसमें शिकायत सही पाई गई थी. विश्वविद्यालय को अपने सूत्रों द्वारा जानकारी मिली थी कि कुछ लोग रविवार को होने वाली एमएड की परीक्षा में नकल करने की फिराक में है.
जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन सुबह से ही काफी मुस्तैद रहा. यह भी जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन को मिली थी कि कुछ लोग पेपर आउट करने की फिराक में है जिसके बाद से प्रॉक्टोरियल बोर्ड से लेकर परीक्षा विभाग की टीम ने निगरानी तेज कर दी थी. जिसमें प्रश्न पत्र आउट होने की खबर तो नहीं मिली लेकिन दो नकलची नकल करते पकड़े गए. 2 परीक्षा केंद्र में प्रवेश परीक्षा के लिए 982 अभ्यर्थी पंजीकृत थे. जिनमें 174 अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ी है और 808 परीक्षार्थी परीक्षा में उपस्थित रहे. एमएड की परीक्षा मैं द्वितीय पाली में जिसमें इस तरह का कोई मामला पकड़ में नहीं आया.
रविवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय में पूर्व घोषित परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार पीएचडी की प्रवेश परीक्षा होनी थी. लेकिन परीक्षा नहीं हो सकी. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी जानकारी वेबसाइट पर तो दे दी लेकिन किसी और माध्यम से अभ्यर्थियों को इस निर्णय से अवगत नहीं कराया. जिसको लेकर परीक्षा देने पहुंचे अभ्यर्थी परेशान हुए और विश्वविद्यालय की व्यवस्था को लेकर सवाल भी खड़ा किए.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने आनन-फानन में रविवार की दोपहर तक पीएचडी प्रवेश परीक्षा की अगली तिथि घोषित कर दी है अब यह परीक्षा 10 अगस्त को दो पाली में आयोजित होगी. विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार समय से प्रश्नपत्र तैयार ना हो पाने की वजह से उन्हें परीक्षा टालनी पड़ी है.शोध डेवलपमेंट प्रकोष्ठ की सुस्ती की वजह से यह समस्या आई है. 36 विषयों के पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए कुल 2534 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.
गोरखपुर विश्वविद्यालय में शुल्क विधि, व्यापक कथित अनियमितता और छात्रों के निष्कासन के आदेश के विरुद्ध एबीवीपी कार्यकर्ताओं का आंदोलन लगातार जारी है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने रविवार को भी जन समर्थन जुटाया. इस दौरान एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने गोरखपुर के कई चौराहों और मोहल्ले में जाकर छात्रों के बीच पत्रक बाटा. पत्रक में लिखे मुद्दों के जरिए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली और विविध निर्णयों पर सवाल भी खड़ा किया.
इस दौरान एबीवीपी के प्रांत मंत्री सौरभ गौण ने कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय नागरिकों की अभिव्यक्ति के अधिकार का हनन कर रहा है. और जब छात्र अपने अधिकार की लड़ाई लड़ते हैं तो उन पर लाठियां बरसाई जाती है. उन्होंने कहा कि उनका संगठन छात्र आंदोलन को जन आंदोलन बनाएगा और इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सोमवार को भी गोरखपुर विश्वविद्यालय के गेट पर सुबह 11:00 बजे से धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
रिपोर्ट–कुमार प्रदीप, गोरखपुर