गोरखपुर. आरपीएफ, जीआरपी और शाहपुर पुलिस की लापरवाही की वजह से एक अज्ञात शव पिछले 1 सप्ताह से मोर्चरी में सड़ रहा है. पुलिस की कागजी कार्रवाई पूरी ना होने की वजह से डॉक्टर भी पोस्टमार्टम नहीं कर पा रहे है. बीआरडी मेडिकल कालेज स्थित मोर्चरी का फ्रिज खराब होने की वजह से शव पूरी तरह से सड़ चुका है. 19 मार्च को गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र के चार फाटक के पास युवक ट्रेन दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था. जिसे इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेजा गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इसके बाद शव को मेडिकल कॉलेज स्थित मोर्चरी में आरपीएफ की टीम रखवा कर चली गई.
बता दें कागजी कार्रवाई पूरी ना होने की वजह से डॉक्टरों ने शव का पोस्टमार्टम नहीं किया. पुलिस द्वारा कागजी कार्रवाई पूरी करने के 72 घंटे के बाद अज्ञात शव का पोस्टमार्टम कर दिया जाता है. लेकिन, पुलिस द्वारा कागजी कार्रवाई पूरी ना होने की वजह से शव का पोस्टमार्टम ना हो सका. 72 घंटे के बाद शव का पोस्टमार्टम ना होने के बाद मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी ने कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी थी. इसके बाद भी कोई जिम्मेदार सामने नहीं आया और मोर्चरी में शव सड़ता रहा. स्थिति यह हो गई कि शव धीरे धीरे लगभग पूरी तरह से सड़ गया.
वहीं शाहपुर थाना प्रभारी मनोज कुमार पांडे ने बताया कि आरपीएफ और जीआरपी द्वारा कोई सूचना थाने पर नहीं दी गई थी. मेडिकल चौकी की पुलिस ने पूछताछ के बाद आरपीएफ के सिपाही ने 25 तारीख की शाम को थाने में अज्ञात शव के बारे में सूचना दी है. जिसके बाद शाहपुर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अज्ञात शव का पंचनामा करा दिया है. बताते चलें पंचनामा के 72 घंटे के बाद शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा. 28 तारीख की रात में शव का पोस्टमार्टम होगा. वहीं आरपीएस जीआरपी और लोकल पुलिस एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ते दिखे.
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आरपीएफ पोस्ट प्रभारी राजेश सिन्हा ने बताया कि हमारी आरपीएफ की टीम ने शव को मेडिकल कालेज के मोर्चरी में रखवा दिया था और इसकी सूचना मेडिकल कॉलेज चौकी प्रभारी को दे दी गई थी. 25 मार्च को शाहपुर थाने से मेमो मांगा गया. जिसके बाद हमारे सिपाही ने मेमो पहुंचा दिया था. इस मामले में एसपी रेलवे डॉ अवधेश सिंह ने बताया कि घायल होने के बाद आरपीएफ इलाज के लिए घायल को अस्पताल ले गई. मृत्यु हो जाने के बाद आरपीएफ को जीआरपी या शाहपुर थाना पुलिस को सूचना दे देनी चाहिए थी. कहां से लापरवाही हुई है यह जांच कराई जाएगी.
रिपोर्ट – कुमार प्रदीप, गोरखपुर