15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गोरखपुर: गंगाराम हाथी फिर बिदका, अपने महावत को पटका, ट्रेंकुलाइज कर किया गया काबू

गोरखपुर जनपद में दो अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों को मौत के घाट उतारने वाला हाथी आत्माराम एक बार फिर भी बिदक गया और अपने महावत को पटक दिया, जिससे वो घायल हो गया. किसी तरह से दूसरे महावत ने उसे खींच कर उसकी जान बचाई.

गोरखपुर में चार लोगों की जान ले चुका बिगड़ैल हाथी गंगाराम फिर बिदका गया और अपने महावत को पटक दिया, जिससे वह घायल हो गया और उसका कंधा टूट गया है. महावत को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है. महावत को भर्ती करने के बाद हाथी को काबू में करने का प्रयास शुरू हुआ. लगभग 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसको ट्रेंकुलाइज कर काबू किया गया.

आसपास के गांव के में फैला दहशत

डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर विकास यादव के नेतृत्व में वन विभाग, दमकल और पशु चिकित्सकों की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद ट्रेंकुलाइज कर हाथी पर काबू पाया. हाथी के बिदकने की खबर सुनते ही आसपास के गांव के लोगों में दहशत फैल गया. एहतियात के तौर पर नंदा नगर के पास बैरिकेड कर कसया हाईवे को सुबह 11:30 बजे से 2:30 बजे तक पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया. इस बीच सभी वाहनों को देवरिया मार्ग पर करजहां फोरलेन से कुशीनगर की तरफ भेजा गया.

Also Read: AIIMS Recruitment 2023: रायबरेली एम्स में 149 नॉन फैकल्टी पदों पर जल्दी करें आवेदन, यहां जानें डिटेल्स उसे 8 महीने से रखा गया है विनोद वन में
Undefined
गोरखपुर: गंगाराम हाथी फिर बिदका, अपने महावत को पटका, ट्रेंकुलाइज कर किया गया काबू 2

यह कोई पहला मौका नहीं है जब हाथी गंगाराम बिदक गया हो. इसके पहले भी हाथी ने अपने महावत, दो महिलाओं और एक बच्चे की जान ली थी, जिसके बाद पिछले 8 महीने से उसे विनोद वन में रखा गया है. जहां चिकित्सकों की देखरेख में उसका इलाज चल रहा है. गंगाराम की देख रेख के लिए तीन महावत भी रखें गए हैं. पिछले एक सप्ताह से गंगाराम मदमस्त है. वह अपने महावत को देखकर आक्रामक हो जा रहा है.

2 दिन पहले गुरुवार को हाथी ने अपने पैरों में बंधी जंजीर को तोड़ दिया था. महावत ने बांधने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहा. शुक्रवार को पीछे के पैर में बंधे जंजीर को भी हाथी ने तोड़ दिया. जब महावत मुस्तकीन जंजीर बांधने गया तो हाथी ने उसे पटक दिया. वहां मौजूद अन्य महावतों ने किसी तरह से खींच कर उसकी जान बचाई. घटना की सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने हाथी को काबू में लाने के लिए ट्रेंकुलाइजर गन से बेहोश की दवा देने की कोशिश में लग गए.

पशु चिकित्सक डॉक्टर योगेश प्रताप सिंह ने बेहोशी की पहली सुई हाथी को दी. करीब 1 घंटे के इंतजार के बाद डॉक्टर ने ट्रेंकुलाइजर गन से दूसरी सुई हाथी को दी, जिसके 18 मिनट बाद हाथी शांत हुआ. इसके बाद महावत और वन विभाग की टीम ने रस्सी और जंजीर से हाथी को पूरी तरह से बांध दिया. एसडीओ हरेंद्र सिंह ने बताया कि बेहोशी की सुई लगने के 45 मिनट बाद हाथी नॉर्मल हो गया. वह फिलहाल स्वस्थ है और भोजन कर रहा है.

हाथी गंगाराम को पिछले 8 महीने पहले 17 फरवरी को विनोद वन बना लाया गया था. तभी से हाथी वन विभाग की देखरेख में हैं. अब एक बार फिर 8 महीने के बाद हाथी मदमस्त हो गया है. सुरक्षा की दृष्टिकोण से वन विभाग ने उसके चारों पैरों में जंजीर बांध दिया बांध दिया था. आत्माराम की देख रेख के लिए तीन महावत रखे गए हैं. लेकिन हाथी गंगाराम मदमस्त होने के कारण वह अपने महावत को भी नहीं पहचान रहा है. महावत ने इसकी सूचना वन विभाग की टीम और पशु चिकित्सक को पहले ही दे दी थी, जिसके बाद से चिकित्सकों की टीम हाथी की निगरानी कर रही है. लेकिन शुक्रवार को हाथी दुबारा बिदक गया और अपने पैर में बंधे जंजीर को तोड़ दिया.

रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर

Also Read: PHOTOS: राजधानी लखनऊ के इन मार्केट्स में मात्र 10 रुपये से शुरू होती है शॉपिंग, फॉरेनर्स भी करते हैं खरीदारी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें