Gorakhpur News: गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्र के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है. उनकी धान की फसल को बीते दिनों हुई बरसात ने बर्बाद कर दिया. अब गेहूं की बुवाई का समय भी आ गया है, लेकिन बरसात का पानी अभी तक नहीं सुखा है. अब किसानों को चिंता सताने लगी है कि वह अपने गेहूं की फसल की बुवाई कैसे करेंगे.
बीते महीने 1 से 3 अक्टूबर के बीच में हुई भीषण बारिश से गोरखपुर में जलभराव की समस्या सामने आई थी जिसे प्रभात खबर ने प्रमुखता से दिखाया था. हालांकि शहरी क्षेत्र में नगर निगम और जिला प्रशासन के द्वारा जलभराव की समस्या दूर कराने के लिए पंप चलवा करके जगह-जगह पानी तो निकलवा दिए गए. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों के लिए यह समस्या अब तक बनी हुई है.
Also Read: गाड़ियों का काफिला, चांदी का मुकुट, सिक्कों से तुलादान, गोरखपुर में शिवपाल ने ऐसे बदलाव का किया ऐलानखेतों में भरे पानी के बीच किसानों ने अपने धान की फसल किसी तरीके से तो काट ली, लेकिन अब उनके सामने गेहूं की फसल बोने की समस्या आ खड़ी हुई है. किसानों के खेतों में पानी भरे हुए हैं. ऐसे में गेहूं की फसल कैसे बोई जाए, इसको लेकर किसान परेशान हैं.
Also Read: Gorakhpur News: कानपुर के व्यापारी की मौत मामले में गोरखपुर पहुंची CBI, इन स्थानों पर होगी जांच15 नवंबर तक हर वर्ष गेहूं की फसल की बुवाई तकरीबन 30 फ़ीसदी से ऊपर हो जाती थी और 25 नवंबर तक पूरे गेहूं की फसल की बुवाई गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में हो जाती है. ऐसे में जिन किसानों के खेतों में जो पानी है, उसे सूखने में ही तकरीबन 1 महीने का वक्त लग जाएगा.
गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की वजह से किसानों को अब गेहूं की फसल बोने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बेलघाट थाना क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले कई दर्जन गांव में खेतों में अभी तक पानी भरा हुआ है. यहां के रहने वाले किसान राघव पांडेय, मनोज पांडेय, हरेंद्र पांडेय, सुरेश सिंह आदि का कहना है कि शहर में जब जलभराव की समस्या आई तो पूरा प्रशासन इस समस्या से निजात दिलाने के लिए जुट गया, लेकिन अन्नदाता की सुनने वाला कोई नहीं है.
रिपोर्ट- अभिषेक पांडेय