Mahashivratri: गोरखपुर मुख्यालय से लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर खजनी थाना क्षेत्र के सरया तिवारी गांव में भगवान शिव की एक प्राचीन मंदिर है. यहां की मान्यता है कि यह शिवलिंग भू गर्व से स्वयं प्रकट हुई है यानी यह शिवलिंग स्वयंभू है. यह मंदिर हजारों साल पुरानी है. बताया जाता है कि महमूद गजनवी व उसके सेनानायक ने इस मंदिर में स्थित शिवलिंग को तोड़ने की कोशिश की थी. यह शिव मंदिर भी उसके क्रूरता से अछूता नहीं रहा.
मुगलों के कार्यकाल में दो बार मुगल शासक मोहम्मद गजनवी शिवलिंग को कीमती पत्थर समझ आक्रमण किया था, लेकिन शिवलिंग टस से मस नहीं हुई. जब वह शिवलिंग ले जाने में असफल हो गया, तब उसने शिवलिंग पर कलमा लिखवा दिया. इस शिवलिंग की मान्यता है कि जो भी भक्त भगवान भोले के दरबार में आता है उसकी मनोकामना शिव पूरा करते हैं.
सरया तिवारी गांव में यह प्राचीन शिव मंदिर कई सौ साल पुराना बताया जाता है. शिव मंदिर पर रोजाना सुबह से ही भक्तों की भीड़ लग जाती है. सावन महीने और शिवरात्रि पर यहां भक्तों की भीड़ बढ़ जाती है. दूरदराज से लोग इस मंदिर में आते हैं, और भगवान शिव का जलाभिषेक कर पूजन अर्चन करते हैं.
Also Read: गोरखपुर से युवाओं को मिलेगा विदेश जाने का मौका, MLC देवेंद्र प्रताप ने RJ इंटरनेशन सर्विसेस का किया शुभारंभभगवान शिव के इस मंदिर पर कभी छत नहीं लग पाई, क्योंकि कई बार छत लगाने की कोशिश ग्रामीणों ने की लेकिन बार-बार छत गिर जाता है. यहां पर शिवलिंग खुले आसमान के नीचे पीपल के पेड़ के पास स्थित है. स्थानीय लोगो कि माने तो महमूद गजनवी और उसके सेनापति बख्तियार खिलजी ने इस मंदिर को नष्ट करने की पूरी कोशिश की थी. उन लोगों ने मंदिर तो तोड़ दिया, लेकिन शिवलिंग को छतिग्रस्त नहीं कर पाए. उसके बाद उन लोगों ने शिवलिंग पर कलमा खुदवा दिया. इसके बाद भी श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं और शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पूजा अर्चन करते हैं.
आचार्य अतुल त्रिपाठी ने बताया कि यह नीलकंठ महादेव का मंदिर सरया तिवारी में स्थित है. इनकी महिमा के बारे में हम क्या कहें जो भी व्यक्ति भाव और कामना से यहां पर आता है, भगवान उसे उसी रूप में ही मनोकामना की पूर्ति करते हैं. भगवान शिव सब का कल्याण करते हैं.
रिपोर्ट–कुमार प्रदीप,गोरखपुर