गोरखपुर. भाजपा के पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल सहित सात लोगों पर 3 वर्ष साधारण कारावास और 4500 रुपए का जुर्माना लगा है. अर्थदंड अदा नहीं करने पर 2 माह 10 दिन की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. एसीजीएम एमपी/एमएलए कोर्ट अंकित यादव की अदालत ने दो दशक पुराने मामले में सजा सुनाई है. संजय प्रताप जायसवाल रुदौली से भाजपा के विधायक रह चुके हैं. भाजपा के पूर्व विधायक के साथ सजा पाने वालों ने डुमरियागंज के एक पूर्व विधायक के पुत्र और पूर्व प्रमुख भी शामिल है. बता दें कि 3 दिसंबर 2003 को सदर तहसील भवन में एमएलसी चुनाव की मतगणना के दौरान हुए विवाद के मामले में मतगणना स्थल में घुसकर मारपीट व अन्य धाराओं में इन लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था.
शासकीय अधिवक्ता रश्मि त्रिपाठी ने बताया कि 10 दिसंबर 2003 को सदर तहसील भवन में एमएलसी चुनाव की मतगणना चल रही थी. शाम के करीब 3:45 बजे प्रत्याशी कंचना सिंह और उनके पति आदित्य विक्रम सिंह, पूर्व विधायक संजय जयसवाल, डुमरियागंज के पूर्व विधायक स्वर्गीय युसूफ कमाल के पुत्र मोहम्मद इमरान, अशोक सिंह, पूर्व प्रमुख बृजभूषण सिंह पूर्व प्रमुख महेंद्र सिंह और त्रयंबक पाठक अपने समर्थकों के साथ मतगणना स्थल पर पहुंचे. जिसके बाद वह लोगों तक मतगणना हॉल में पहुंचे उन लोगों ने सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात क्षेत्र अधिकारी ओपी सिंह व उनके अनुयायियों को भी धमकाया आरओ के साथ अभद्रता की.
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उन लोगों ने मतगणना स्थल पर पहुंचकर मतगणना में व्यवधान डाला और 50 मतपत्र भी अपने साथ उठा ले गए. जिसके बाद एआरओ की शिकायत पर कोतवाली थाने में इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. मामले में 10 गवाह प्रस्तुत किए गए. गवाहों ने घटना का समर्थन किया. एसीजेएम एमपी एमएलए कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कंचना सिंह आदित्य विक्रम सिंह मोहम्मद इरफान संजय जायसवाल महेंद्र सिंह अशोक सिंह और त्र्यंबक पाठक को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है . इसमें एक बृजभूषण सिंह के पहले ही मौत हो चुकी है. कोर्ट में सभी को 10 वर्ष साधारण कारावास और 4500 अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर 2 माह 10 दिन की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
रिपोर्ट- कुमार प्रदीप, गोरखपुर