Gorakhpur : गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कैंसर के इलाज के लिए बायोप्सी कि ज्यादा सटीक और 10 मिनट में जांच करने वाली मशीन आ गई है. इस मशीन से मरीज का डॉक्टर 10 मिनट में ही कैंसर की जांच कर सकते हैं और मौखिक रूप से बता देते हैं कि कैंसर है या नहीं. यह मशीन जिले की पहली मशीन हैं. क्रायों स्टेट फ्रोजन सेक्शन बायोप्सी मशीन माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तापमान का फ्रिजर लगा हुआ है. जो टिशू को मात्र 10 मिनट में फ्रीज कर देता है और उसे काटकर विशेषज्ञ तत्काल कैंसर की जांच कर लेते हैं.
मौखिक तौर पर डॉक्टर यह बता देते हैं कि कैंसर है या नहीं जिसके 1 घंटे के बाद वह रिपोर्ट भी दे देते हैं. पहले इस जांच को कराने में काफी समय लग जाता था. पहले सामान्य स्लाइड पर टिश्यू को चार-पांच दिन तक रखा जाता था. इसके बाद वह जांच करने लायक होता था. रिपोर्ट आने में छह-सात दिन लग जाते थे. लेकिन इस मशीन के आ जाने से जांच जल्द हो सकेगी. जिससे मरीज का इलाज जल्द हो सकेगा और उसे राहत मिलेगी.
मेडिकल कॉलेज को पहली क्रायों स्टेट फ्रोजन सेक्शन बायोप्सी मशीन मिली हैं. जिससे मेडिकल में आने वाले मरीजों की आसानी से इलाज हो सकेगी. इस मशीन की कीमत 20 लाख रुपए हैं. पहले बायोप्सी करने के लिए रोगियों के नमूने को लेकर तीमारदार पैथोलॉजी विभाग में आते थे तो उन्हें 1 सप्ताह बाद बुलाया जाता था और अब विशेषज्ञ तत्काल जांच कर 10 मिनट में यह बता देंगे कि मरीज को कैंसर है या नहीं. साथ ही 1 घंटे के बाद रिपोर्ट भी मिल जाएगी.
मेडिकल कॉलेज में इस मशीन के आ जाने से विशेषज्ञों के साथ-साथ रोगियों को भी बड़ी राहत मिली है. कैंसर की बीमारी है या नहीं इसकी जांच कम समय में ही उन्हें मिल जाएगी. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ गणेश कुमार ने बताया कि सरकार स्वास्थ्य सुविधा पर विशेष ध्यान दे रही है. इसी क्रम में बीआरडी मेडिकल कॉलेज को 7 वर्षों में बहुत सी मशीनें और उपकरण मिले हैं. क्रायों स्टेट फ्रोजन सेक्शन बायोप्सी मशीन भी इसमें से एक हैं.
गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में प्रति दिन 20 से 25 नमूने बायोप्सी जांच के लिए आते हैं इनमें सर्जरी, ईएनटी,गायनी, सुपर स्पेशलिटी, कैंसर विभाग से आए नमूने शामिल होते हैं. दो-तीन रोगियों में कैंसर की पुष्टि होती है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ शिप्रा वहीकर ने बताया कि क्रायों स्टेट फ्रोजन सेक्शन बायोप्सी मशीन मिलने से कैंसर की जांच बहुत ही आसान हो गई है. पहले जो जांच 1 सप्ताह में होती थी अब मात्र 10 मिनट में हो जाती हैं.
रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर