Gorakhpur : पूर्वोत्तर रेलवे को आखिरकार लम्बे समय से वंदे भारत की रेक का इंतजार शनिवार को खत्म हो गया. चेन्नई से चली रेक शनिवार को दोपहर 2.30 बजे गोरखपुर पहुंच गई. प्लेटफार्म नम्बर 7 पर इसका निरीक्षण किया गया फिर इसे लोको पिट में भेज दिया गया. अब निर्देश मिलते ही इसका ट्रायल किया जाएगा. रेक मिल जाने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन तैयारियों में जुट गया है. हालांकि, अभी रूट और समय निर्धारित नहीं है लेकिन प्रस्ताव के मुताविक पहला रूट गोरखपुर-लखनऊ (वाया अयोध्या)- प्रयागराज हो सकता है.
पीएम नरेन्द्र मोदी के सात जुलाई को गीता प्रेस के शताब्दी समापन समारोह में गोरखपुर आने का कार्यक्रम प्रस्तावित है. इस दौरान वे वंदे भारत को हरी झंडी दिखा सकते हैं. हालांकि, अभी इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. गोरखपुर से लखनऊ होते हुए प्रयागराज तक वंदे भारत चलाने की योजना है. प्रस्तावित शेड्यूल के अनुसार सप्ताह में छह दिन चलने वाली वंदे भारत गोरखपुर से अपराह्न तीन बजे रवाना होगी और शाम 7.20 बजे लखनऊ पहुंचेगी. इसके बाद लखनऊ से प्रस्थान कर रात 10.50 बजे प्रयागराज पहुंचेगी. वहीं प्रयागराज से यह ट्रेन सुबह 6.20 बजे प्रस्थान करेगी और सुबह 9.50 बजे लखनऊ पहुंचेगी. यहां से प्रस्थान करने के बाद दोपहर 2.20 बजे वंदे भारत गोरखपुर पहुंचेगी.
वहीं, पूर्वांचल में गोरखपुर बड़ा केंद्र भी है. गोरखपुर स्टेशन से होकर सैकड़ों ट्रेनें हर दिन आती-जाती हैं. हर ट्रेन का गोरखपुर में ठहराव भी है. यही कारण है कि पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन चाहता है कि इस रूट पर अधिक से अधिक वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई जाए जिससे कि यात्रियों को आरामदेह यात्रा का आनंद मिल सके.
पूर्वोत्तर रेलवे का छपरा से गोरखपुर वाया लखनऊ का मुख्य मार्ग आधुनिक तरीके से बनाया गया हैं. इस रूट 120 से 130 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनें चल सकती है. शुरुआती दौर में वंदे भारत को भी 120 से 130 किलोमीटर घंटे की रफ्तार से चलाने की योजना है. रैक आने के बाद इसका ट्रॉयल इसी रूट पर किया जाएगा. वंदे भारत की अधिकतम गति सीमा 180 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यह महज 52 सेकेंड में 100 किलोमीटर की रफ्तार पकड़ लेती है. इसमें वाई-फाई के साथ 32 इंच की स्क्रीन रहेगी. एग्जीक्यूटिव कोच में 180 डिग्री सीटें भी घूमने वाली होंगी.
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन गोरखपुर पहुंची है, इसका ट्रायल किया जाएगा. आठ कोच की ट्रेन में 556 लोगों के बैठने की क्षमता है. रेलवे सुरक्षित यात्रा के लिए लगातार काम कर रहा है. इसके लिए लगातार रेलवे बदलाव भी कर रहा है. लखनऊ-गोरखपुर रेल खंड की गति बढ़ाने के लिए CBS पर काम भी तेज हो रहा है. आने वाले समय में पूर्वोत्तर रेलवे अधिक तेज स्पीड वाली ट्रेनें भी चलाएगा.