Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में शानदार जीत की खुशी में इस बार और होली पर जमकर रंग की बारिश हुई, और हवा में गुलाल उड़ा. गोरखपुर में होलिका दहन जुलूस के बाद भगवान नरसिंह होलिकोत्सव शोभायात्रा शनिवार को निकलेगी. सामाजिक समरसता के संदेश से गोरक्षपीठ की अगुवाई का रंगोत्सव विशिष्ट है.
गोरखपीठ की अगुवाई में गोरखनाथ मंदिर में होलिकोत्सव की शुरुआत होलिका दहन या सम्मत की राख से तिलक लगाने के साथ होती है. होलिका दहन की परंपरा में एक विशेष संदेश निहित होता है. होलिका दहन हमें भक्त पहलाद और भगवान विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह की पौराणिक आख्यान से भक्ति की शक्ति का एहसास कराती है.
गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ का यह कथन बहुत ही प्रशंसनीय है, भक्ति जब भी अपने विकास की उच्च अवस्था में होती है तो किसी भी प्रकार का भेदभाव, छुआछूत और अस्पृश्यता वहां छू भी नहीं पाएगी. योगी आदित्यनाथ सन 1996 से 2019 तक गोरखपुर में होली के दिन निकलने वाली भगवान नरसिंह शोभायात्रा में अनवरत शामिल होते रहे हैं लेकिन पिछले 2 वर्षों से शोभायात्रा में वह कोविड-19 संक्रमण काल में जनमानस की सुरक्षा के दृष्टिगत में शामिल नहीं हो सके, लेकिन इस बार कोविड-19 समाप्त हो चुका है. अबकी बार वह भगवान नरसिंह शोभायात्रा में शामिल होंगे.
इस बार की शोभायात्रा कुछ खास होगी. इस बार होली का रंग और भी चटक होगा, क्योंकि योगी आदित्यनाथ को विधानसभा चुनाव में मिले प्रचंड बहुमत का रंग भी खूब बरसता दिखेगा. आदित्यनाथ 17 मार्च की शाम को गोरखपुर के पांडे हाता से निकलने वाले होलिका दहन जुलूस और 19 मार्च की सुबह घंटाघर से निकलने वाली भगवान नरसिंह शोभायात्रा में शामिल होंगे, जिसको लेकर जोरदार तैयारियां की जा रही है.
बता दें, गोरखपुर के घंटाघर से निकलने वाली भगवान नरसिंह रंगोत्सव शोभा यात्रा की शुरुआत गोरखपुर में प्रवास के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक नानाजी देशमुख ने 1944 में की थी. गोरखनाथ मंदिर में होलिका दहन की राख से होली मनाने की परंपरा इससे काफी पहले से जारी थी नाना जी का यह अभियान होली के अवसर पर फूहड़ता दूर करने के लिए किया था. नाना जी के अनुरोध पर इस शोभा यात्रा का गोरक्षपीठ से भी गहरा नाता जुड़ गया.
ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ के निर्देश पर महंत अवैद्यनाथ शोभायात्रा में पीठ का प्रतिनिधित्व करने लगे और यह गोरक्षपीठ की होली का अभिन्न अंग बन गया. 1996 से योगी आदित्यनाथ ने इसे अपनी अगुवाई में न केवल गोरखपुर बल्कि समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामाजिक समरसता का विशेष पर्व बना दिया. योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाले भगवान नरसिंह शोभायात्रा गोरखपुर के घंटाघर से शुरू होकर गोरखपुर के प्रमुख चौराहों से होते हुए घंटा घर में ही समाप्त हो जाती है. यह शोभायात्रा 5 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करती है. इस दिन भगवान नरसिंह की रथ पर सवार होकर गोरक्ष पीठाधीश्वर रंगों में सराबोर हो बिना भेदभाव की सबके शुभकामनाओं का आदान प्रदान करते हैं.
रिपोर्ट- कुमार प्रदीप, गोरखपुर