Gujarat Assembly Elections 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मतदान में अब कुछ ही दिन शेष बचा है. इसी के मद्देनजर सभी सियासी पार्टियां चुनाव प्रचार के लिए पूरी ताकत के साथ जुटी है. इन सबके बीच, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR ) की ओर से रविवार को जारी किए गए एक रिपोर्ट में राजनीतिक दलों के फंडिंग को लेकर अहम जानकारी सामने आई है.
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 2017 और 2021 के बीच सबसे ज्यादा कॉरपोरेट चंदा मिला है. यह कांग्रेस से 16 गुना अधिक चंदा है. रिपोर्ट के अनुसार, 4 राजनीतिक दलों बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और एसकेएम को वित्त वर्ष 2016-17 और 2020-21 के बीच गुजरात के 1,571 दानदाताओं से 174.06 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट चंदा प्राप्त हुआ है.
2017-21 की अवधि के दौरान, 1,519 दानदाताओं से 163.54 करोड़ रुपये की राशि के कॉरपोरेट चंदे का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बीजेपी थी. वहीं, कांग्रेस को इस दौरान महज 10.46 करोड़ रुपये मिले हैं. दान के रूप में सियासी दलों को 343 करोड़ के इलेक्टोरल बांड भी प्राप्त हुए है. वहीं, 174 करोड़ का कॉरपोरेट दान है.
वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) को 5 साल की अवधि के दौरान कॉरपोरटे दान में कुल 3.2 लाख रुपये मिले. वहीं, पार्टी को 2017-2020 के बीच कोई भी दान नहीं मिला है. पांच साल की अवधि में राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त कुल 4,014.58 करोड़ रुपये के कॉर्पोरेट चंदे में से आए है. जिसमें 4.34 प्रतिशत या 174.06 करोड़ रुपये गुजरात से आए. देश भर के राजनीतिक दलों की बात की जाए तो सभी पार्टियों को कुल मिलाकर 16 हजार करोड़ से अधिक का दान मिला है. जिसमें से 80 फीसदी डोनेशन यानी 12842 करोड़ रुपये सिर्फ 8 राष्ट्रीय दलों को मिले हैं. जबकि, क्षेत्रीय दलों को 3 हजार करोड़ से ज्यादा दान मिला है.
Also Read: गुजरात चुनाव: 5 वर्षों में सियासी दलों को 16,071 करोड़ मिले दान, ADR की रिपोर्ट में खुलासा