Gujarat Election Result 2022: गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना में कुछ घंटों का समय शेष बचा है. हालांकि, गुजरात में लगातार सातवीं जीत को लेकर बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता उत्साहित है. बता दें कि गुजरात के 33 जिलों में विधानसभा चुनाव दो चरणों में एक और पांच दिसंबर को हुए थे. यहां बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी भारती ने कहा कि बृहस्पतिवार को 37 केंद्रों पर सुबह 8 बजे मतगणना शुरू होगी. राज्य की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिये बहुमत का आंकड़ा 92 का है. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदान गढ़वी, युवा नेता हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर समेत कुल 1,621 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला बृहस्पतिवार को होगा.
वहीं, राजनीति के जानकारों का कहना है कि चुनावी परिणाम यह निर्धारित करेगा कि गुजरात में मुख्य विपक्षी दल के तौर पर कौन काबिज होगा. बताते चलें कि कई एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों में गुजरात में बीजेपी के लिए बड़े बहुमत की भविष्यवाणी की गई है. ऐसे में अगर यह सच होता हैं, तो पार्टी लगातार सातवीं बार राज्य में सत्ता बरकरार रखने और पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे के कारनामे के बराबर उपलब्धि हासिल करती नजर आएगी. इसके अलावा, बीजेपी के लिए यहां बड़ी जीत 2024 में प्रधानमंत्री के रूप में लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी की दावेदारी को मजबूत करेगी.
राजनीति प्रेक्षकों की मानें तो बीजेपी के लिए मुख्य चुनौती के रूप में कांग्रेस की भूमिका दांव पर है और 8 दिसंबर के नतीजों से पता चलेगा कि क्या पार्टी के मूक अभियान ने लोगों को प्रभावित किया है. कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त थे. हालांकि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा से समय निकालकर गुजरात में दो रैलियां कीं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में पार्टी के प्रचार अभियान की कमान संभाली. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी चुनावी रैलियों को संबोधित किया.
आक्रामक प्रचार अभियान चलाने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए गुजरात चुनाव खुद को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित करने और राष्ट्रीय स्तर पर भी बीजेपी को चुनौती देने का एक मौका है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आप के लिए एक आक्रामक अभियान का नेतृत्व किया. उन्होंने पिछले पांच महीनों में कई रैलियों को संबोधित किया और रोड शो किए. दिल्ली नगर निकाय चुनाव में जीत से उत्साहित आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि उसकी कल्याणकारी राजनीति को गुजरात के लोग स्वीकार करेंगे.
बीजेपी ने राज्य में 27 साल के शासन के बाद सत्ता विरोधी भावनाओं से जूझते हुए हाल के चुनाव लड़े. पीएम मोदी पार्टी के तुरुप का इक्का थे और बीजेपी सत्ता विरोधी लहर के मुकाबले के लिये ब्रांड मोदी पर भरोसा किया. चुनावों में प्रमुख मुद्दों में बेरोजगारी, महंगाई, राज्य के कुछ हिस्सों में पानी नहीं पहुंचना, बड़ी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण और किसानों को अत्यधिक बारिश के कारण फसल क्षति का उचित मुआवजा नहीं मिलना था.
गुजरात में इस बार मतदान प्रतिशत 2017 की तुलना में लगभग 4 फीसदी कम हुआ. राज्य में 2017 में 68.39 प्रतिशत के मुकाबले इस बार सिर्फ 64.33 प्रतिशत मतदान हुआ. मत प्रतिशत में इस गिरावट की वजह शहरी मतदाताओं की अपने मताधिकार का प्रयोग करने की सामान्य उदासीनता बताई गई. कम मतदान प्रतिशत ने बीजेपी को चिंता में डाल दिया है और दूसरे चरण में पार्टी ने मतदान के आंकड़ों को बढ़ाने के लिए भरसक प्रयास किए.
गुजरात में मुकाबला परंपरागत रूप से बीजेपी और कांग्रेस के बीच रहा है. लेकिन, इस बार आम आदमी पार्टी के चुनावी अखाड़े में उतरने के साथ यह त्रिकोणीय हो गया. वहीं, पीएम मोदी ने गुजरात में लगभग 30 रैलियों और रोड शो को संबोधित करते हुए बीजेपी के चुनाव अभियान का नेतृत्व किया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी लगभग दो महीने से गुजरात में थे और बीजेपी के लिए अभियान व चुनावी रणनीति का प्रबंधन कर रहे थे. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान, हिमंत विश्व शर्मा और प्रमोद सावंत सहित बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी राज्य में चुनावी रैलियों को संबोधित किया. इसके साथ ही बीजेपी के लगभग सभी केंद्रीय मंत्रियों ने राज्य में प्रचार किया.
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