Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात में दिसंबर महीने के पहले हफ्ते में दो चरणों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी कोई भी मौका गंवाना नहीं चाहती है. इसी कड़ी में बीजेपी ने अब तक 166 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. गुजरात की सत्ता पर 27 साल से काबिज बीजेपी की ओर से जारी किए इन प्रत्याशियों में सबसे युवा उम्मीदवार पायल कुकरानी का नाम भी शामिल है. हालांकि, कांग्रेस की तरफ से इस उम्मीदवारी पर सवाल उठा दिए गए हैं.
दरअसल, गोधरा कांड के बाद 2002 में हुए नरोदा पाटिया दंगा मामले में दोषी करार दिए गए 16 व्यक्तियों में से एक मनोज कुकरानी की 30 वर्षीय बेटी पायल कुकरानी को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. इन दंगों में 97 मुसलमानों की मौत हुई थी. पायल कुकरानी पेशे से एनेस्थेसिस्ट है. साथ ही बीजेपी की सबसे युवा उम्मीदवारों में से एक हैं. गुजरात हाई कोर्ट ने नरोदा पाटिया दंगा मामले में मनोज कुकरानी और 15 अन्य की दोशसिद्धी को 2018 में बरकरार रखा था. उम्रकैद की सजा पाने वाले मनोज कुकरानी फिलहाल जमानत पर बाहर है.
बीजेपी द्वारा टिकट दिए जाने के संबंध में पायल कुकरानी का कहना है कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल, गुजरात के सीएम भूपेन्द्र पटेल और सभी पार्टी कार्यकर्ताओं तथा सदस्यों की आभारी हूं. मेरी मां एक पार्षद हैं और लंबे समय से बीजेपी से जुड़ी हुई हैं. मैंने भी अतीत में चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लिया है. पायल ने कहा कि अगर वह चुनाव जीतती हैं, तो उनकी प्राथमिकता विधानसभा क्षेत्र को विकसित करना तथा स्थानीय लोगों की समस्याएं दूर करना होगा. वहीं, पायल की मां व स्थानीय पार्षद रेशमा कुकरानी ने कहा कि वह अपनी बेटी का पूरा सहयोगी करेंगी और सुनिश्चित करेंगी कि उसे जीत मिले.
इधर, कांग्रेस आरोप लगा रही है कि बीजेपी ने नरोदा पाटिया दंगे के आरोपी की बेटी को टिकट देकर शर्मनाक फैसला लिया है. पायल की उम्मीदवारी पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने कहा है कि क्या बीजेपी को कोई दूसरा प्रत्याशी नहीं मिला था. बीजेपी लंबे समय से ऐसा कर रही है. लेकिन, अब उनका ये फर्जी हिंदुत्व जगजाहिर हो चुका है और उनके जीतने की कोई संभावना नहीं बची है.
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