Gujarat Election 2022: गुजरात में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस के साथ ही इस बार आम आदमी पार्टी के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबला के त्रिकोणीय होने की चर्चा जोर पकड़ रही है. बताते चलें कि गुजरात में कांग्रेस तीन दशकों से सत्ता से बाहर है. वहीं, विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का सियासी संकट कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है. हालांकि, आम आदमी पार्टी के इस बार चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा ने कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी की परेशानी को भी बढ़ा दिया है. इन सबके बीच, टिकट बंटवारे के मुद्दे पर नाखुश नेता भी प्रमुख दलों को टेंशन में डालते दिख रहे है.
गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी के पूर्व विधायक बालकृष्ण पटेल रविवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. पूर्व विधायक ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी में उनको दरकिनार कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के बावजूद उन्हें पार्टी में अहम जिम्मेदारी से दूर रखा गया, इसी वजह से उन्होंने कांग्रेस का दामन थामने का निर्णय लिया. गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर और पूर्व अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल ने अहमदाबाद स्थित पार्टी मुख्यालय में बालकृष्ण पटेल को कांग्रेस में शामिल करवाया.
गुजरात के पाटीदार नेता के तौर पर उभरकर सामने आए हार्दिक पटेल (Hardik Patel) अभी भारतीय जनता पार्टी में हैं. हालांकि, पहले की अपेक्षा हार्दिक पटेल काफी कम सक्रिय बताए जा रहे हैं. विरमगाम के अलावा उनके कार्यक्रम और कहीं नहीं हो रहे हैं. सियासी गलियारों में अटकलें लगाई जा रही है कि बीजेपी में वह हाशिए पर हैं. लेकिन, गुजरात गौरव यात्रा की सूची से जब उनका नाम हटा तो सियासी हंगागा खड़ा हो गया. कहा जा रहा है कि हार्दिक पटेल का बीजेपी में भी कांग्रेस वाला हाल हो रहा है. मालूम हो कि बीजेपी गुजरात ने पहले जो कार्यक्रम जारी किया था, उसमें उनका नाम था. बाद में जब दूसरी सूची जारी की गई, तो उसमें हार्दिक का नाम नहीं था. अब इसको लेकर गुजरात की सियासत में खूब चर्चा हो रही है. सवाल उठ रहे है कि क्या वे बीजेपी में पहले से सक्रिय पाटीदार नेताओं की गुड बुक में नहीं है. या फिर उनके लिए खतरा हैं, इसलिए पार्टी में उन्हें समुचित सम्मान नहीं मिल पा रहा है.
हार्दिक पटेल के बीजेपी में शामिल होने के कुछ दिनों बाद ही गुजरात कांग्रेस की युवा महिला चेहरा रहीं श्वेता ब्रह्मभट्ट भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में अहमदाबाद की मणिनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में भी उतरी श्वेता ब्रह्मभट्ट को बीजेपी के सुरेश पटेल ने हरा दिया था. श्वेता के पिता नरेश ब्रह्मभट्ट भी कांग्रेस से जुड़े रहे हैं. श्वेता ब्रह्मभट्ट ने पीएम मोदी से मुलाकात के कुछ दिन बाद ही कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
गुजरात में कांग्रेस के लिए भारतीय जनता पार्टी से ज्यादा आम आदमी पार्टी चुनौती बनती जा रही है. दरअसल, कांग्रेस के नाराज नेताओं का नया सियासी ठिकाना AAP बन रही है. इसी वर्ष अप्रैल महीने में गुजरात कांग्रेस के दो पूर्व विधायक इंद्रनील राज्यगुरु और वशराम सोगठिया आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं. वहीं, कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रवीण मारू ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया. कांग्रेस के 2017 में जीते 16 विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. जिससे कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. इस लिस्ट में अल्पेश ठाकोर का नाम भी शामिल है, जो पिछले चुनाव में कांग्रेस में आए थे और उन्हें पार्टी में राष्ट्रीय सचिव बनाया गया था.
गुजरात में बीजेपी का दबदबा 90 के दशक से ही बढ़ा है. इसके अलावा, वर्ष 1995 के बाद से अब तक हुए सभी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन 2017 को छोड़कर बेहद निराशाजनक रहा है. बता दें कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की थी. चुनाव आयोग की वेबसाइट से मिले आंकड़ों के मुताबिक, 1998 से लेकर 2017 तक गुजरात में हुए पांच विधानसभा चुनावों में बीजेपी जिन सीटों को जीत नहीं सकी है, उनमें बनासकांठा जिले की दांता, साबरकांठा की खेडब्रह्मा, अरवल्ली की भिलोड़ा, राजकोट की जसदण और धोराजी, खेड़ा जिले की महुधा, आणंद की बोरसद, भरूच की झगाडिया और तापी जिले की व्यारा शामिल हैं.
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गुजरात में भारतीय जनता पार्टी के 27 साल के शासन को हिलाने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पूरी कोशिशें कर रहे हैं. वहीं, बीजेपी भी गुजरात की सत्ता से किसी भी कीमत पर दूर नहीं होना चाहती. अपने लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से सभी दल पूरे जोर-शोर से विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान में जुट गए हैं. इसी कड़ी में केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने गुजरात में चुनाव से पहले मोर्चा संभाल लिया है. अमित शाह छह दिन तक राज्य में पार्टी की चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देंगे.