Gujarat Election 2022: गुजरात में बीजेपी के नेता अल्पेश ठाकोर ने पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण का विरोध करते हुए ओबीसी नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई थी. दरअसल, अल्पेश ठाकोर ओबीसी आंदोलन के जरिए चर्चा में आए थे. ठाकोर जाति के युवा नेता अल्पेश ने बीते दिनों कहा था कि वह गुजरात में पाटन जिले की राधनपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं.
2017 के चुनाव से पहले अल्पेश कांग्रेस में शामिल हुए थे. अल्पेश को कांग्रेस ज्वाइन कराने के लिए राहुल गांधी खुद गुजरात आए थे. बताते चलें कि अल्पेश ठाकोर ने साल 2017 में कांग्रेस के टिकट पर राधनपुर सीट से चुनाव जीता था. हालांकि, साल 2019 के उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. अल्पेश चुनावी प्रचार में यह दोहराते रहे कि चुनाव खत्म होने के बाद लालबत्ती वाली गाड़ी में आऊंगा. लेकिन, उनका ये सपना पूरा नहीं हो सका. बताया जाता है कि 2017 में भी चुनाव जीतने के बाद अल्पेश मंत्री पद चाहते थे. हालांकि, कांग्रेस बहुमत में नहीं आ पाई, जिसकी वजह से अल्पेश ने कांग्रेस को छोड़ दिया और बीजेपी में शामिल हो गए.
अल्पेश ने क्षत्रिय ठाकोर सेना का नेतृत्व किया है, जो मुख्य रूप से ओबीसी समुदाय के लिए काम करती है. कांग्रेस विधायक के रूप में अल्पेश ठाकोर ने गुजरात में शराब की बिक्री के खिलाफ कई आंदोलनों का नेतृत्व किया था. नार्थ गुजरात के ठाकोर समाज ने अल्पेश की शराबबंदी मूवमेन्ट की सराहना करते हुए उनका साथ भी दिया. मालूम हो कि गुजरात में शराब पर प्रतिबंध है.
बताया जाता है कि साल 2029 में अल्पेश ठाकोर के बीजेपी में शामिल होने के बाद से राधनपुर सीट सीट पर बीजेपी की पकड़ मजबूत हुई है. हालांकि, इस सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर लड़े अल्पेश ठाकोर को बहुत ही कम वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. ठाकोर ओबीसी होने की वजह से अल्पेश की अपने समुदाय में अच्छी पकड़ है. इसी के मद्देनजर हाल ही में उन्होंने राधनपुर सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. जिसको लेकर बीजेपी की परेशानी बढ़ गई हैं. दरअसल, उपचुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी इस सीट पर दोबारा अल्पेश ठाकोर को चुनावी मैदान में उतारने को लेकर दुविधा में है.