Gujarat Election 2022: गुजरात में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे में सत्तारुढ़ बीजेपी समेत अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. गुजरात में इस बार बीजेपी और कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी (AAP) के भी चुनावी मैदान में होने कारण मुकाबला त्रिकोणीय होने की सभावना जताई जा रही है. ऐसे में गुजरात बीजेपी इकाई के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के कंधे पर जिम्मेदारी बढ़ गई है.
67 साल के नेता सीआर पाटिल को जुलाई 2020 में गुजरात बीजेपी इकाई के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्हें पीएम मोदी का खास माना जाता है. गुजरात बीजेपी के दिग्गज नेता सीआर पाटिल के नेतृत्व में बीजेपी आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का रिकॉर्ड तोड़ने का दावा कर रही है. बता दें कि वर्ष 1985 में कांग्रेस को गुजरात में कुल 182 सीटों में से 149 पर जीत मिली थी. गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने अपनी तरफ से 182 सीटों का लक्ष्य रखा है.
जानकारी के मुताबिक, सीआर पाटिल को गुजरात सरकार द्वारा लिए गए कई बड़े फैसलों के पीछे एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है. सीआर पाटिल दक्षिण गुजरात में बीजेपी का एक चर्चित चेहरा है. इसी कारण बीजेपी आलाकमान ने उन्हें गुजरात का प्रदेश अध्यक्ष बनाया. 2022 का चुनाव सीआर पाटील के लिए अग्नि परीक्षा की तरह माना जा रहा है. उनके ऊपर गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में बेहतर प्रदर्शन की चुनौती है.
सीआर पाटील का जन्म 16 मार्च, 1955 को महाराष्ट्र के पिंपरी में हुआ था. उनकी शुरुआती शिक्षा गुजरात में अलग-अलग जगहों से हुई है. उन्होंने सूरत आईटीआई में अपनी पढ़ाई पूरी की. पीएम मोदी के साथ ही सीआर पाटिल को गृह मंत्री अमित शाह का करीबी बताया जाता हैं. तकनीक के इस्तेमाल में माहिर माने जाने के चलते वह सोशल मीडिया के जरिए जनता के संपर्क में हमेशा बने रहते हैं. साल 2015 में उनके ऑफिस को बेहतर प्रबंधन और निगरानी के लिए ISO 2009 से प्रमाणित भी किया जा चुका है.
सीआर पाटिल दक्षिण गुजरात के नवसारी निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार के सांसद रहे है. इसके साथ ही देश में अब तक के अधिकतम अंतर से संसदीय सीट जीतने का रिकॉर्ड भी उन्होंने हासिल किया हैं. वह गुजरात का नेतृत्व करने वाले एक गैर-गुजराती हैं. पाटिल के पिता एक पुलिस कांस्टेबल थे. अपने पिता की तरह पाटिल 1975 में एक कांस्टेबल के रूप में गुजरात पुलिस में शामिल हुए. 1984 में उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. पांच साल बाद वह दिसंबर 1989 में पूर्व पीएम स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बीजेपी में शामिल हुए और आज भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं में से एक हैं.