Gujarat Elections 2022: गुजरात में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्तारुढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत तमाम अन्य सियासी दलों ने अपनी कमर कस ली है. इसी के मद्देनजर, सियासी दलों ने चुनाव प्रचार अभियान को तेज कर दिया है. अब सवाल यह उठ रहा है कि इस बार के चुनाव में गुजरात में बड़ा मुद्दा क्या है. गुजराती जनता किस मुद्दे को सबसे बड़ा मुद्दा मान रही है?
जानकारी के मुताबिक, चुनावी रैलियों के दौरान विपक्ष बेरोजगारी का मुद्दा उछाल रही है. इसके पीछे युवाओं में रोजगार के कम अवसर की वजह से असंतोष होना एक वजह बताया जा रहा है. साथ ही भर्ती परीक्षाओं में देरी का भी मुद्दा हावी है. वहीं, किसानों का मुद्दा भी हावी रहने की बात सामने आ रही है. बताते चलें कि पिछले दो साल से राष्ट्रीय स्तर पर किसानों का मुद्दा हावी रहा है. कृषि कानून के बाद से इसमें ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. गुजरात में भी यह बड़ा मुद्दा बन रहा है. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर महंगाई का मुद्दा भी हावी रहने के आसार है. इसका असर गुजराज चुनाव में भी देखने को मिलेगा.
बीजेपी ने विकास, राष्ट्र सुरक्षा, आम लोगों की सहूलियत, गरीबों एवं किसानों को मजबूत बनाने के मुद्दे पर चुनावी मैदान में उतरने का फैसला लिया है. भारतीय जनता पार्टी हर जगह अपने विकास कार्यों की गिनती करा रही है. वहीं, एम्स और आईआईटी जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों को बनाने की बात को भी पार्टी जनता के बीच ले जा रही है. हाईवे, पुल, अंडर ब्रिज, टनल, मेट्रो जैसे अन्य कार्यों को जिक्र कर पार्टी के नेता लोगों से बीजेपी के पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे है.
गुजरात में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए सबसे बड़े मुद्दे को लेकर सीवोटर ने लोगों से उनकी राय जानने के लिए बीते दिनों एक सर्वे कराया. ओपिनियन पोल के मुताबिक, गुजरात के लोगों ने बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा माना है. इसी के साथ गुजरात में 31 प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जिन्हें यह लगता है कि राज्य में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है. इसके बाद, बुनियादी सुविधाएं 16 प्रतिशत, किसान से जुड़े मुद्दे को 15 प्रतिशत, महंगाई को 8 प्रतिशत, कोविड संकट में काम को लेकर 4 प्रतिशत, कानून व्यवस्था 3 प्रतिशत, भ्रष्टाचार 7 प्रतिशत, राष्ट्रीय मुद्दे को 3 प्रतिशत लोगों ने और अन्य मुद्दे को 13 प्रतिशत लोगों ने बड़ा मुद्दा माना है.
बताते चलें कि गुजरात की सत्ता में बीजेपी का पिछले 24 वर्षों से कब्जा रहा है. हालांकि, इस बार समीकरण के बदलने की खबरें सुर्खियों में है. इसके पीछे गुजरात में आम आदमी पार्टी की एंट्री को भी एक वजह बताया जा रहा है. दरअसल, दिल्ली और पंजाब जीतने के बाद आम आदमी पार्टी ने गुजरात में भी पूरी ताकत झोंक दी है. ऐसे में मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार है. इधर, कांग्रेस में 2017 के बाद से अब तक कई बड़े चेहरे पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं. इसमें सबसे बड़ा नाम हार्दिक पटेल का है. हार्दिक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए है. इन सबके बीच, अपनी साख बचाने के लिए कांग्रेस भी बिना किसी शोर के गुजरात में चुनाव प्रचार कर रही है.
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