Gujarat Election Results Updates : गुजरात में आरक्षण आंदोलन की पृष्ठभूमि में 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ मतदान करने वाला पाटीदार समुदाय 2022 के चुनावों में सत्ताधारी दल के साथ लौट आया और इस समुदाय के प्रभुत्व वाली अधिकांश सीटों को जीतने में मदद की. भाजपा ने राज्य के पाटीदार बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, लगभग हर उस सीट पर जीत हासिल की है, जहां पटेलों की अच्छी खासी आबादी है.
सौराष्ट्र क्षेत्र में कांग्रेस ने 2017 में मोरबी, टंकरा, धोराजी और अमरेली की पाटीदार बहुल सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि, ये सभी विधानसभा क्षेत्र इस बार भाजपा की झोली में गये हैं. पाटीदार बहुल सूरत में, जहां ”आप” कुछ सीटों को हासिल करने के लिए समुदाय पर निर्भर थी, वहां इस समुदाय ने बड़े पैमाने पर सत्ताधारी दल का समर्थन किया. पार्टी ने वराछा रोड, कटारगाम और ओलपाड की पाटीदार सीटों पर बड़े अंतर से जीत हासिल की.
उत्तर गुजरात में, कांग्रेस ने पांच साल पहले पाटीदार बहुल उंझा सीट जीती थी, लेकिन इस बार वह भाजपा से हार गयी. भाजपा ने 2022 के चुनाव से पहले पटेल समुदाय तक पहुंच बनायी और इसके लिए उसने कई कदम उठाये.
सितंबर 2021 में पार्टी ने अपने मुख्यमंत्री विजय रूपानी की जगह भूपेंद्र पटेल को नियुक्त किया. समुदाय को खुश रखने के लिए भाजपा ने यह भी घोषणा की थी कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को इस पद पर बनाये रखा जायेगा.
2022 के चुनावों के लिए भाजपा ने 41 पाटीदारों को टिकट दिया था, जो कांग्रेस की संख्या से एक अधिक था. चुनावों से पहले, सिदसर उमियाधाम ट्रस्ट, जो कड़वा पाटीदार संप्रदाय का प्रतिनिधित्व करता है, ने मांग की थी कि भाजपा कम से कम 50 पाटीदार उम्मीदवारों को मैदान में उतारे.
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भाजपा पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को कांग्रेस से अपने पाले में ले आयी और उन्हें वीरमगाम सीट से मैदान में उतारा, पाटीदार कोटा आंदोलन और भाजपा के खिलाफ हार्दिक पटेल के अभियान की बदौलत कांग्रेस तब 77 सीटों पर विजयी हुई थी.
राज्य और केंद्रीय स्तर पर भाजपा का सबसे बड़ा कदम जिसने समुदाय को खुश किया, वह ‘उच्च जातियों’ के बीच गरीबों (इडब्ल्यूएस) को नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत कोटा देना रहा.
भाजपा ने गुजरात में विधायक दल के नेता के चयन के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के संसदीय बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य बीएस येदियुरप्पा और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. गुजरात में भाजपा के नव निर्वाचित विधायकों की बैठक शनिवार को बुलायी गयी है.
गुजरात चुनाव में भाजपा ने निवर्तमान विधायकों के स्थान पर जो 45 नये चेहरे उतारे थे, उनमें से दो को छोड़कर बाकी सभी विजयी रहे. अपवाद बस बोटाड और वाघोडिया निर्वाचन क्षेत्र रहे, जहां नये भाजपा उम्मीदवारों को क्रमश: आप और निर्दलीय प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा.
गुजरात चुनाव में इस बार 15 महिलाओं ने जीत दर्ज की, जबकि 2017 के चुनाव में उनकी संख्या 13 और 2012 में 16 थी. विजयी 15 महिलाओं में से 14 भाजपा से हैं, जबकि एक कांग्रेस से. चुनाव जीतने वाली महिला उम्मीदवारों में से चार अनुसूचित जाति और दो अनुसूचित जनजाति समुदाय से हैं. इस बार कुल 139 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं.