गुजरात में एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड ने बड़ी कार्रवाई की है. ATS ने यहां पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. बता दें कि एक सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी को ब्लैकमेल करने और झूठा हलफनामा देकर उससे आठ करोड़ रुपये वसूलने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. गुजरात एटीएस के पुलिस अधीक्षक सुनील जोशी के अनुसार, महिला के हलफनामे के बाद एटीएस हरकत में आ गई, जिसमें यह दावा किया गया है कि सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी ने अहमदाबाद के चांदखेड़ा इलाके में अपने आवास पर उसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया.
आरोपियों की पहचान मास्टरमाइंड जीके प्रजापति, उनके सहयोगी हरेश जादव, महेंद्र परमार, आशुतोष पंड्या और कार्तिक जानी के रूप में हुई है. बता दें कि इस साल जनवरी में गांधीनगर के पेथापुर पुलिस स्टेशन में 33 वर्षीय विवाहित महिला द्वारा इस्माइल मालेक के खिलाफ लिखे हुए हलफनामे के अनुसार, पूर्व पुलिस अधिकारी ने महिला के भाई के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले में मदद करने की आड़ में उसके साथ दो बार कथित तौर पर दुष्कर्म किया.
आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 389 (जबरन वसूली करने के लिए अपराध के आरोप के डर में एक व्यक्ति को रखना) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है. आगे की जांच के लिए पांचों को गांधीनगर में सेक्टर 7 पुलिस को सौंप दिया गया. जोशी के अनुसार, प्रजापति ने जादव और परमार के साथ मिलकर सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी से जबरन वसूली की साजिश रची और महिला को हलफनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए मना लिया. उन्होंने कथित तौर पर महिला की जानकारी के बिना पूर्व पुलिस अधिकारी का नाम लिख दिया.
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एटीएस अधिकारी ने कहा जिस हलफनामा में यह दावा किया गया था कि महिला के साथ पूर्व पुलिस अधिकारी ने अपने आवास पर बलात्कार किया था, उसे तैयार करने के बाद तीनों ने पहले बिचौलियों और अन्य अधिकारियों के माध्यम से उससे आठ करोड़ रुपये वसूलने की कोशिश की.