Gujarat News : गुजरात में बोटाद जिले के रोजिद गांव में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 10 लोगों के मौत की खबर आ रही है. वहीं 20 लोग जहरीली शराब की वजह से बीमार हैं. बीमार लोगों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में किया जा रहा है. मामले को लेकर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार रात बताया कि कुछ मरीजों की हालत गंभीर है. मामले को लेकर पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) और अहमदाबाद अपराध शाखा भी जांच में शामिल हो गयी हैं. गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आशीष भाटिया ने बताया कि सोमवार सुबह दो लोगों की मौत हुई थी जबकि पांच अन्य की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी. अधिकारियों ने सोमवार देर रात बताया कि तीन और लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गयी.
बोटाद के पुलिस अधीक्षक करनराज वाघेला ने सोमवार देर रात पत्रकारों से कहा कि हमारी जानकारी के अनुसार, बोटाद जिले के पांच लोगों और अहमदाबाद जिले की ढांढुका तालुक के दो गांवों के पांच लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. कुछ लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है, ज्यादातर लोग भावनगर में सर तख्तसिंहजी अस्पताल में भर्ती हैं. उनमें से कुछ की हालत नाजुक है. इस सिलसिले में दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया गया है और कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
बोटाद के पुलिस अधीक्षक करनराज वाघेला ने आगे कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो पुलिस हत्या का आरोप भी जोड़ेगी. गुजरात एटीएस के साथ ही अहमदाबाद अपराध शाखा भी दोषियों को पकड़ने के लिए हमारी जांच में शामिल हो गयी हैं. भाटिया ने बताया था कि पुलिस ने बोटाद जिले से तीन शराब तस्करों को हिरासत में लिया है, जो कथित तौर पर अवैध देशी शराब बेचने में शामिल थे. इससे पहले, इलाज करा रहे एक पीड़ित की पत्नी ने संवाददाताओं को बताया कि रविवार रात रोजिद गांव में शराब पीने के कुछ घंटे बाद ही उसके पति की हालत बिगड़ने लगी.
वहीं, एक अन्य पीड़ित हिम्मतभाई, जो अब स्वस्थ हो रहा है, ने दावा किया कि रविवार की रात एक तस्कर से खरीदी गयी शराब का सेवन करने के बाद कम से कम 15 लोग बीमार पड़ गये. पुलिस महानिरीक्षक (भावनगर रेंज), अशोक कुमार यादव ने शाम को बोटाद सिविल अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने बताया कि घटना की जांच करने के लिए पुलिस उपाधीक्षक पद के अधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा.
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इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को गुजरात में जहरीली शराब त्रासदी को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया और आरोप लगाया कि राज्य में जो लोग शराब बेच रहे हैं, उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। राज्य में शराब की बिक्री पर पाबंदी है. केजरीवाल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गुजरात में मद्यनिषेध के बाद भी भारी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती है. ये कौन लोग हैं जो शराब बेचते हैं? उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. (शराब की बिक्री से जो) पैसे आते हैं, वे कहां जाते हैं. इसकी जांच की जरूरत है.