गुजरात में कुछ दिनों के बाद चुनावी बिगुल फूंक दिया जाएगा. इससे पहले जो प्रदेश की राजनीती है वो गरमा चुकी है. बड़े नेताओं का दौरा गुजरात में जारी है. कुछ दिन पहले तक भाजपा के गढ़ में उसे कोई टक्कर देने वाला नहीं दिख रहा था लेकिन आम आदमी पार्टी यानी ‘आप’ की इंट्री के बाद यहां को मुकाबला रोचक होता जा रहा है. ‘आप’ की ओर से उम्मीदवार की तीन सूची जारी कर दी गयह है जबकि कांग्रेस इस महीने के अंत में सूची जारी करेगी. इसके लिए पार्टी ने बायोडाटा मंगवाया है. यहां अब देखने वाली बात यह है कि ‘आप’ किसे नुकसान पहुंचाएगी. ऐसा इसलिए क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पहले से बेहतर प्रदर्शन किया था.
गुजरात अलग राज्य का गठन 1960 में हुआ था. इसके बाद यहां कांग्रेस की ही धमक नजर आयी. लेकिन प्रदेश में भाजपा के लगभग 27 साल के शासन के बाद भी कांग्रेस ने अपनी जड़ें पूरी तरह से हिलने नहीं दी. 1985 के विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो 182 सीटों वाले सदन में रिकॉर्ड 149 सीटों वाली कांग्रेस को उसके अगले ही चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. 1990 में केवल 33 सीट कांग्रेस के खाते में आयी जिसने पार्टी की चिंता बढ़ा दी. हालांकि गोधरा कांड के साये में हुए 2002 के चुनाव में भी कांग्रेस को 39.28 फीसदी वोट शेयर मिला और पार्टी इस चुनाव में 51 सीट जीतने में सफल रही.
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अब बात करते हैं पिछले यानी 2017 के विधानसभा चुनाव की. इस चुनाव में राहुल गांधी ने आक्रामक चुनाव प्रचार किया जिसका लाभ पार्टी को हुआ. कांग्रेस ने 77 सीटों पर कब्जा जमाया और अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करवायी. 2017 के चुनाव में कांग्रेस को 41.44 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए. अब तक के चुनाव में देखा जाए तो कांग्रेस गुजरात में 35 से 40 फीसदी वोट बैंक बनाकर रखने में सफल रहती है. इस बार अब देखना है कि अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति के बीच वह इसे कितना बचाकर रखने में सफलता पाएगी.
अब बात करते हैं कि गुजरात के किन इलाके के लोग कांग्रेस पर भरोसा जताते हैं. कांग्रेस की बात करें तो वह गुजरात के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में अभी भी मजबूत स्थिति में है. वर्तमान 64 विधायकों में भी कांग्रेस के 21 विधायक इन्हीं क्षेत्रों से आते हैं. उत्तर गुजरात में भी कांग्रेस के 21 विधायक और मध्य में 15 विधायक हैं. उत्तर गुजरात के मेहसाणा, पाटन, गांधीनगर, साबरकांठा और अरावली में कांग्रेस पर लोगों का भरोसा है. यानी पार्टी मजबूत है. मध्य गुजरात की बात करें तो यहां के अहमदाबाद, वडोदरा, खेड़ा, पंचमहल, दामोह, छोटा उदयपुर और नर्मदा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की पकड़ अभी भी नजर आती है. अंत में बात राज्य के दक्षिण की करते हैं. यहां के सूरत, तापी, भरूच, नवसारी, डांग और वलसाड में भी कांग्रेस वोट बैंक की दृष्टी से मजबूत ही है.