Gujarat Election 2022: गुजरात में इस बार का विधानसभा चुनाव रोचक होने वाला है. कांग्रेस और भाजपा तो मैदान में नजर आयेगी ही इसके साथ ही आम आदमी पार्टी यानी ‘आप’ भी उक्त दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों को चुनौती देते नजर आने वाले हैं. ‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल पहले ही कह चुके हैं कि उनकी पार्टी सभी सीटों पर गुजरात में चुनाव लड़ेगी. इन बीच हम आज नजर डालते हैं वलसाड जिले में पारडी विधानसभा सीट पर जिसपर सबकी नजर टिकी हुई है. आइए जानते हैं कि आखिर यह सीट इतनी महत्वपूर्ण क्यों है ?
पारडी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां 2 लाख 59 हजार 267 वोटर हैं जो उम्मीदवारों का भविष्य तय करते हैं. इनमें 1 लाख 36 हजार 738 पुरुष मतदाता है जबकि 1 लाख 22 हजार 524 महिला वोट क्षेत्र में आते हैं. क्षेत्र के मतदाता समीकरण पर नजर डालें तो यहां माघीमार समुदाय का दबदबा है. यही नहीं इस क्षेत्र के आदिवासी समुदाय के वोटरों का भी खास योगदान उम्मीदवार की जीत और हार पर नजर आता है. इस सीट पर कोली पटेल, घोडिया पटेल का भी बहुत प्रभाव दिखता है.
पारडी विधानसभा क्षेत्र किसानी के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां डोंगर, आम, चीकू, गन्ना और साग जैसी फसलें किसान पैदा करते हैं और मंडियों में भेजते हैं. बीते सालों में इस क्षेत्र में काफी औद्योगिक विकास देखा गया है. बात यदि यहां के लोगों की समस्या की करें तो यहां पीने के पानी की कमी बतायी जाती है.
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पारडी विधानसभा सीट में हुए पिछले चुनावों पर नजर डालें तो 6 चुनावों में कांग्रेस ने सिर्फ एक बार जीत दर्ज की है. अन्य पांच चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार ने पार्टी का झंडा यहां से बुलंद किया है यानी जीत दर्ज की है. साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में पारडी विधानसभा सीट से भाजपा के कनुभाई मोहनलाल देसाई ने शानदार जीत दर्ज करके जनता का विश्वास जीता था. इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार भरतभाई मोहनभाई पटेल को हार का सामना करना पड़ा था. बहुजन समाज पार्टी से गिरीश भाई जीवनभाई परमार और आम आदमी पार्टी से डॉक्टर राजीव शंभूनाथ पांडे भी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे थे.
2007 तक पारडी विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी. यहां की सबसे बड़ी खासियत यह है कि हर चुनाव में यहां से नये नेता को जनता मौका देती है. इसका अर्थ है कि कोई भी विधायक ऐसा नहीं है जो यहां से लगातार दूसरी बार चुनकर नहीं आया है. 1995 में भाजपा के डॉक्टर के सी पटेल, 1998 में भाजपा के ही चंद्रवदन पटेल, 2002 में कांग्रेस के लक्ष्मणभाई बाबूभाई पटेल, 2007 में भाजपा की ऊषाबेन गिरीश कुमार पटेल को जनता ने यहां से जिताया. 2012 में ये सीट सामान्य घोषित कर दी गयी. इसके बाद यहां से भाजपा के ही कनुभाई मोहनलाल देसाई विधायक चुने गये.