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योगी सरकार ने रेलवे स्टेशनों का नाम बदला तो गुजरात सरकार ने ड्रैगन फ्रूट को दिया नया नाम

गुजरात सरकार ने ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) का नाम बदलकर 'कमलम' रखने का फैसला किया है. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी (Gujarat CM Vijay Rupani) के अनुसार, 'ड्रैगन' शब्द का प्रयोग एक फल के लिए उपयुक्त नहीं है इसलिए यह निर्णय लिया गया है

भारत में पिछले कुछ सालों में शहरों, इमारतों और चीजों का नाम बदलने का सिलसिला तेजी से देखा जा रहा है. देश की कई राज्य सरकारों मे इस चलन को अपनाया है. उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक और हैदराबाद से लेकर गुजरात तक इस चलन को देखा जा रहा है. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद एक तरफ जहां उन्होंने राज्य के कई शहरों से लेकर रेलवे स्टेशनों तक का नाम बदल दिया है तो वहीं अब भाजपा शासित एक और राज्य गुजरात में फल का नाम ही बदल दिया गया है.

गुजरात सरकार ने ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) का नाम बदलकर ‘कमलम’ रखने का फैसला किया है. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी (Gujarat CM Vijay Rupani) के अनुसार, ‘ड्रैगन’ शब्द का प्रयोग एक फल के लिए उपयुक्त नहीं है इसलिए यह निर्णय लिया गया है. सीएम विजय रुपाणी ने मंगलवार कहा कि राज्य सरकार ने ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलने का फैसला किया है. फल का बाहरी आकार कमल जैसा होता है, इसलिए ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलकर ‘कमलम’ रखा जाएगा.

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पिछले कुछ वर्षों में, गुजरात के कच्छ और नवसारी में किसानों ने बड़ी मात्रा में ड्रैगन फ्रूट की खेती की ओर रुख किया है. दिलचस्प बात यह है कि गुजरात में भाजपा कार्यालय का नाम भी कमलम है. राज्य सरकार ने नाम को पेटेंट कराने के लिए आवेदन किया है. वहीं गुजरात वन विभाग के माध्यम से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को फल कमलम का नाम देने के लिए एक याचिका भी भेजी गई है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 जुलाई, 2020 को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में इस फल का उल्लेख किया था.

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