अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद स्थित सरदार पटेल स्टेडियम में शनिवार को कहा कि आज भारत के युवा आसमान छू रहे हैं. सरदार पटेल स्टेडियम का यह खेल महाकुंभ न केवल खेल का महाकुंभ है, बल्कि गुजरात की युवा शख्ति का भी महाकुंभ है. पीएम मोदी ने इस अवसर पर अपने संबोधन से युवाओं में जोश भरा. खिलाड़ियों की तारीफ की. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेश भाई पटेल को इस भव्य आयोजनके लिए बधाई दी.
पीएम मोदी ने कहा कि 12 साल पहले वर्ष 2010 में गुजरात के मुख्यमंत्री के नाते उन्होंने खेल महाकुंभ की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा कि जिस सपने का बीज मैंने बोया था, आज वटवृक्ष बनता दिख रहा है. उस बीज को मैं आज इतने विशाल वटवृक्ष का आकार लेते देख रहा हूं.
वर्ष 2010 के पहले महाकुंभ में ही गुजरात के 13 लाख खिलाड़ियों ने भाग लिया था. वर्ष 2019 में खिलाड़ियों की संख्या 40 लाख खिलाड़ी तक पहुंच गयी. कबड्डी, खो-खो और टग ऑफ वॉर से लेकर योगासन और मल्लखंब तक स्केटिंग और टेनिस से लेकर फेंसिंग तक, हर खेल में हमारे युवा आज कमाल कर रहे हैं. अब यह आंकड़ा 55 लाख पहुंच रहा है.
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शक्तिदूत कार्यक्रम के जरिये खेल महाकुंभ के खिलाड़ियों को सहयोग देने की जिम्मेदारी भी सरकार उठा रही है. ये जो लगातार अविराम प्रयास किये गये, खिलाड़ियों ने जो साधना की, उसका नतीजा हम आज देख रहे हैं. जो संकल्प गुजरात के लोगों ने मिलकर लिया था, आज दुनिया में अपना परचम लहरा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा- मेरे नौजवान साथियों, गुजरात की युवा शक्ति का आपको गर्व है. गुजरात के खिलाड़ी पराक्रम कर रहे हैं, आपको गर्व हो रहा है. खेल महाकुंभ से निकलने वाले युवा ओलिंपिक, कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स समेत कई वैश्विक खेलों में आज देश का और गुजरात का युवा अपना जलवा बिखेर रहा है. ऐसी ही प्रतिभाएं इस महाकुंभ से भी आपके बीच से ही निकलने वाली है.
श्री मोदी ने कहा कि खिलाड़ी युवा तैयारी करते हैं. खेल के मैदान से उभरते हैं और पूरे हिंदुस्तान का परचम दुनिया में लहराते हैं. उन्होंने कहा कि एक समय था, जब खेल जगत में भारत की पहचान केवल एक-दो खेलों के भरोसे टिकी थी. इसका नतीजा ये हुआ कि जो खेल देश के गौरव और पहचान से जुड़े थे, उन्हें भी भुला दिया गया. इस वजह से खेलों से जुड़े संसाधन बनाने, स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए जितनी प्राथमिकता दी जानी चाहिए थी, वह एक प्रकार से रुक गया था.
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इतना ही नहीं, जैसे राजनीति में भाई-भतीजावाद घुस गया है, खेल जगत में भी खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता की कमी एक बहुत बड़ा फैक्टर थी. खिलाड़ियों की सारी प्रतिभा परेशानियों से जूझने में ही निकल जाती थी. उस भार से निकालकर आज भारत के युवा आसमान छू रहे हैं. गोल्ड और सिल्वर की चमक देश के आत्मविश्वास को भी चमका रही है.
दुनिया का सबसे युवा देश खेल के मैदान में भी एक ताकत बनकर उभर रहा है. तोक्यो ओलिंपिक और परालिंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने इस बदलाव को साबित किया है. तोक्यो ओलिंपिक में भारत ने पहली बार 7 मेडल जीते हैं. यही रिकॉर्ड भारत के बेटे-बेटियों ने तोक्यो पारालिंपिक में भी बनाया. भारत ने इस वैश्विक प्रतियोगिता में 19 मेडल जीते.
पीएम ने कहा कि ये तो शुरुआत है. न हिंदुस्तान रुकने वाला है, न हिंदुस्तान थकने वाला है. मुझे मेरे देश की युवा शक्ति पर भरोसा है. मुझे मेरे देश के युवा खिलाड़ियों की तपस्या पर भरोसा है. मुझे मेरे देश के युवा खिलाड़ियों के सपने, संकल्प और समर्पण पर भरोसा है. इसलिए आज मैं लाखों युवाओं के सामने हिम्मत के साथ कह सकता हूं कि भारत की युवा शक्ति इसे बहुत आगे लेकर जायेगी. वह दिन दूर नहीं, जब हम कई खेलों में कई गोल्ड एक साथ जीतने वाले देशों में हिंदुस्तान का तिरंगा भी लहराता होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार यूक्रेन से जो नौजवान वापस आये हैं, युद्ध के मैदान से आये हैं. बम-गोलों के बीच से आये हैं. लेकिन, आकरके उन्होंने क्या कहा? उन्होंने कहा कि आज तिरंगे की आन-बान-शान क्या होती है, ये हमने यूक्रेन में अनुभव किया है. उन्होंने कहा कि जब हमारे खिलाड़ी मेडल प्राप्त करके पोडियम पर खड़े रहते थे और जब तिरंगा झंडा दिखाई देता था, भारत का राष्ट्रगान होता था, आपने टीवी पर देखा होगा कि हमारे खिलाड़ियों की आंखों से हर्ष के, गौरव के आंसू बह रहे थे. ये होती है देशभक्ति.
पीएम ने कहा कि भारत जैसे युवा देश को दिशा देने में आप सभी युवाओं की बहुत बड़ी भूमिका है. आने वाले कल को युवा ही गढ़ सकता है. और वही गढ़ सकता है, जो उसके लिए संकल्प लेता है. और संकल्प के साथ समर्पण से जुट जाता है. आज इस खेल महाकुंभ में गुजरात के अलग-अलग इलाकों से गांव से, शहर से, कस्बों से आप लाखों युवा यहां एक साथ जुड़े हैं. आप अपने सपनों को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. मैं आपके सपनों में, आपके क्षेत्र का भविष्य देखता हूं. आपके जिले का भविष्य देखता हूं. आपके सपने में पूरे गुजरात और देश का भविष्य देखता हूं.
नये भारत के हर अभियान की जिम्मेदारी भारत के युवाओं ने खुद आगे बढ़कर उठायी है. भारत के युवाओं ने भारत के सामर्थ्य को साबित करके दिखाया है. आज सॉफ्टवेयर से लेकर स्पेसपावर तक. डिफेंस से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक, हर फील्ड में भारत का दबदबा है. दुनिया भारत को एक बड़ी शक्ति के रूप में देख रही है. भारत की इस शक्ति को स्पोर्ट्स स्पीरिट कई गुणा बढ़ा सकती है. यही आपकी सफलता का भी मंत्र है.
पीएम मोदी ने कहा कि मैं हमेशा कहता हूं कि जो खेले, वही खिले. मेरी आप सब युवाओं के लिए सलाह है कि सफलता के लिए कभी कोई शॉर्टकट मत खोजिएगा. आपने रेलवे प्लेटफॉर्म पर देखा होगा कि कुछ लोग ब्रिज पर से जाने की बजाय पटरी क्रॉस करते हैं. शॉर्ट कम विल कट यू शॉर्ट. शॉर्टकट का रास्ता बहुत अल्पजीवी होता है. सफलता का केवल एक ही मंत्र है- लांग टर्म प्लानिंग. कंटीन्युअस कमिटमेंट. न एक जीत कभी हमारा आखिरी पड़ाव हो सकती है, न ही एक हार.
पीएम ने कहा कि हम सबके लिए हमारे वेदों ने कहा है- चरैवेति-चरैवेति-चरैवेति… आज देश भी अनेक चुनौतियों के बीच बिना रुके, बिना थके और बिना झुके आगे बढ़ रहा है. हम सबको मिलकर सतत परिश्रम के साथ लगातार आगे बढ़ना है. स्पोर्ट्स में हम जीत के लिए 360 डिग्री परफॉर्म करने की जरूरत होती है. पूरी टीम को परफॉर्म करना होता है. यहां अच्छे-अच्छे स्पोर्ट्समैन उपस्थित हैं. क्या क्रिकेट में कोई टीम बहुत अच्छी बैटिंग करे और बॉलिंग खराब करे, तो वह जीत सकती है क्या.
Posted By: Mithilesh Jha