गुमला : जिला सड़क सुरक्षा समिति गुमला की बैठक गुरुवार को आइटीडीए भवन में सदर अनुमंडल पदाधिकारी रवि आनंद की अध्यक्षता में हुई. बैठक में डीटीओ विजय सिंह ने गुमला के पांच ब्लैक स्पॉट्स की जानकारी साझा करते हुए बताया कि बसिया के कोनबीर चौक के समीप स्थित एसएच-03, रायडीह के सिलम जोड़ाजाम के समीप स्थित एनएच-43, गुमला पेट्रोल पंप के समीप करमडीपा कर्व पथ स्थित एनएच-43, देवडीह पतराटोली के एनएच-143ए तथा बिशुनपुर के गुरदरी स्थित शाज रोड शामिल है.
डीटीओ ने इस वर्ष जनवरी से जून माह तक होनेवाली सड़क दुर्घटनाओं तथा मरनेवालों का आंकड़ा प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि इस वर्ष जनवरी माह में 20, फरवरी माह में 25, मार्च माह में 17, अप्रैल माह में 12, मई माह में 25 तथा जून माह में 15, कुल 114 सड़क दुर्घटनाओं के मामले दर्ज किये गये हैं. जिसमें कुल 55 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि दो पहिया वाहनों से संबंधित दुर्घटनाओं की संख्या 60 है.
ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की संख्या अधिक है. इस पर श्री आनंद ने शहरी क्षेत्रों में प्रवेश करते समय प्रमुख चेकपोस्ट पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. ताकि वाहनों की गति को नियंत्रित किया जा सके.
वहीं आनंद ने जिलांतर्गत चिन्हित 11 संवेदनशील (वलनरेबल) पथों पर गति नियंत्रक साइन, रंबल स्ट्रिप आदि लगवाने का निर्देश एनएचएआई को दिया. साथ ही साईनेज में गति सीमा, उपायुक्त, निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र/ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, एंबुलेंस तथा निकटतम पुलिस थाना के संपर्क संख्या भी अंकित करने का निर्देश दिया.
सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सड़क पर बने गड्ढे को भरना, गति नियंत्रक साईनेज, रंबल स्ट्रिप आदि अधिष्ठापित करते हुए सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए एहतियाती उपाय बनाये रखने का भी निर्देश दिया. इसके अतिरिक्त श्री आनंद ने पुलिस पदाधिकारियों एवं कर्मियों को हेलमेट पहनकर वाहन चलाने पर बल दिया. बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी विजय सिंह बिरूआ, डीएसपी मुख्यालय प्राण रंजन, डॉक्टर अनसेलम लकड़ा, एनएचएआई के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल के प्रतिनिधि, रोड सेफ्टी मैनेजर कुमार प्रभास, आईटी सहायक मंटू रवानी, रोड इंजीनियरिंग एनालिस्ट प्रणय कांशी सहित अन्य उपस्थित थे.