Jharkhand news: गुमला प्रखंड के चुहरू अहीरपुरवा गांव के तीन अनाथ भाई-बहनों को CWC, गुमला ने अपने संरक्षण में ले लिया है. दोनों बहनों को बालगृह व छोटे भाई को खुशमारना बालगृह में रखा जायेगा, ताकि यहां बच्चों को सुरक्षा व शिक्षा मिल सकेगी. साथ ही सरकारी खर्च पर बच्चों की देखभाल भी होगी.
सीडब्ल्यूसी, गुमला के चेयरमैन कृपा खेस व सदस्य धनंजय मिश्रा ने कहा कि बच्चों के अनाथ होने की खबर मिलने के बाद गांव के लोगों व मिशन बदलाव के जीतेश मिंज के सहयोग से बच्चों को सीडब्ल्यूसी कार्यालय में बुलाया गया था. बच्चों को सीडब्ल्यूसी ने अपने संरक्षण में ले लिया है. दोनों बहनों का कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल में नामांकन कराया जायेगा. जबकि छोटे भाई को खुशमारना बालगृह में रखा जायेगा.
बता दें कि वर्ष 2021 के 24 जून को गुलुवा उरांव ने अपनी पत्नी फुलमनी देवी की हत्या कर दी थी. इसके बाद से गुलुवा उरांव जेल में है. गुलुवा के जेल जाने व फुलमनी की मौत के बाद उसके तीन बच्चे 15 वर्षीय सीतामुनी कुमारी, 10 वर्षीय विनीता कुमारी व सात वर्षीय बबलू उरांव अनाथ हो गये. सीतामुनी अभी आठवीं कक्षा व विनीता छठी कक्षा में पढ़ती है. जबकि बबलू का स्कूल में नामांकन नहीं हुआ है.
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अनाथों की तरह जी रहे तीनों भाई बहन अपनी सुरक्षा, शिक्षा व आश्रय की मांग को लेकर अपनी दर्द भरी कहानी प्रभात खबर से साझा किया था. प्रभात खबर में समाचार छपने के बाद तीनों बच्चों को आश्रय, सुरक्षा व शिक्षा देने की पहल शुरू कर दी गयी है. इस मामले में झारखंड के दो मंत्री चंपई सोरेन और जगरनाथ महतो ने संज्ञान लेते हुए गुमला डीसी को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. साथ ही शिक्षा और सुरक्षा में विशेष जोर दिया था.
Posted By: Samir Ranjan.