Jharkhand news, Gumla news : गुमला (दुर्जय पासवान) : पर्यटक स्थल हीरादाह नदी में डूबे गुमला के 3 युवकों का सुराग बुधवार को भी नहीं मिला. युवकों के नहीं मिलने से अब परिवार के लोगों की उम्मीदें टूटने लगी है. बच्चों को खोजने के लिए परिजन हीरादह नदी में पूजा पाठ शुरू कर दिये हैं. बैगा, पहान एवं पुजार द्वारा बुधवार को पूजा कराया गया. वहीं, एनडीआरएफ की टीम स्थानीय लोगों के सहयोग से युवकों की तलाश कर रही है, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी है. परिजनों की मांग के आधार पर डीसी शिशिर कुमार सिन्हा, डीडीसी संजय अंबष्ठ, एसडीओ रवि आनंद कार्यपालक, अभियंता प्रदीप भगत, जेई बालेश्वर महतो घटनास्थल पहुंचे. जहां उन्होंने पानी के बहाव का रूख मोड़ने के लिए निरीक्षण किया.
डीसी श्री सिन्हा ने कहा कि तार की जाली एवं बोरा बांध बनाकर पानी का बहाव को दूसरी ओर मोड़ा जायेगा. जिससे एनडीआरएफ टीम को तीनों युवकों को खोजने में सफलता मिल सके. वहीं, डीसी के समक्ष सुमित कुमार गिरी की मां ने फरियाद लगायी. मां ने डीसी से कहा कि सर, मेरे बेटे को नदी से निकाल दीजिए. वहीं, सुनील भगत के पिता विवेकानंद भगत ने कहा कि कब बनेगा बोरा बांध. अब टूट रही है सब्र की बांध. तीनों युवकों के परिजनों ने गांव के बैगा पुजार से तीनों युवकों की बरामदगी के लिए घटनास्थल पर पूजा अर्चना कराया गया. बैगा पुजार में विजय बैगा, बिहारी उरांव, भूषण उरांव, रामदेव सिंह, लोधा सिंह एवं छोटन सिंह है. उपरोक्त बैगा एवं पुजार ने घटनास्थल पर पूजा अर्चना संपन्न कराते हुए अपने कुल देवता से युवकों की बरामदगी के लिए विशेष प्रार्थना की.
हीरादह नदी में डूबे बीटेक के तीनों छात्र का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है. बच्चों की याद कर परिजन रोने लगते हैं. परिजनों के रोने की आवाज से हर दिन हीरादह का माहौल गमगीन हो रहा है. एनडीआरएफ की टीम को भी सफलता नहीं मिल रही है. हीरादह नदी में बने कुंड खतरनाक है. इस कारण एनडीआरएफ के जवान भी दहशत में हैं. टीम के सदस्य नदी के कुंड में घुस रहे हैं, लेकिन नदी के कुंड के अंदर की गहराई एवं अबूझ सुरंग देखकर डर जा रहे हैं. इसलिए एनडीआरएफ की टीम काफी मशक्कत कर रही है. इधर, नदी में डूबे युवकों के परिवार के लोगों की उम्मीद अब गुमला डीसी शिशिर कुमार सिन्हा पर टिकी हुई है. परिवार का कहना है कि नदी के पानी की धारा को मोड़ दिया जाये, तो जिस कुंड में तीनों युवक डूबे हैं. वहां नदी का जलस्तर कम होगा. इसके बाद आसानी से युवकों को खोजा जा सकता है. परिवार के इस मार्मिक पुकार एवं मांग के बाद गुमला डीसी भी भावुक हो गये हैं. डीसी 2 दिनों से हीरादह जा रहे हैं. जहां वे पल-पल की जानकारी ले रहे हैं. साथ ही युवाओं को कैसे खोजा जाये. इस संबंध में एनडीआरएफ की टीम से चर्चा भी किये हैं.
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यहां बता दें कि हीरादह नदी छत्तीसगढ़ राज्य से सटा हुआ है और यह गुमला जिला के रायडीह प्रखंड में आता है. यह झारखंड राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है. हीरादह नदी में डूबे गुमला के 3 युवक अभिषेक कुमार गुप्ता, सुनील कुमार भगत एवं सुमित कुमार गिरी को खोजने के लिए गुमला डीसी शिशिर कुमार सिन्हा भी लगे हुए हैं. बुधवार को भी डीसी हीरादह पहुंचे. जहां वे घंटों रुके. इस दौरान एनडीआरएफ की टीम ने बताया कि नदी में पानी का बहाव अधिक होने के कारण गोताखोरों को लापता युवकों की खोज करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इसपर डीसी ने नदी पर बोरा बांध एवं तार की जालियों के सहारे नदी के जलस्तर को कम करने पर विशेष जोर दिये.
इस संबंध में डीसी श्री सिन्हा ने रायडीह के अंचलाधिकारी एवं लघु सिंचाई विभाग गुमला के कार्यपालक अभियंता को मांझाटोली स्थित शिवालिया कंस्ट्रक्शन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए बोरा बांध बनाने के कार्य को गति देने का निर्देश दिया. डीसी ने प्रभात खबर से बात करते हुए कहा है कि मंगलवार को 200 बोरा में बालू भरकर बांध बनाया गया था, लेकिन नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद बोरा बांध बह गया. इसलिए अब नदी में मजबूत काम करने की तैयारी चल रही है. इसके लिए गुमला प्रशासन हरसंभव प्रयास करेगी. युवकों की तलाश जारी रहेगी. मैं खुद युवकों की तलाश करने के लिए आवश्यक कार्रवाई कर रहा हूं. इसके लिए संबंधित कई अधिकारियों को दिशा- निर्देश दिया हूं. डीसी ने यह भी कहा कि तीनों युवक गुमला के हैं. उनके माता- पिता ने कड़ी मेहनत कर बच्चों को पढ़ाया. इस हादसे से परिवार दुखी हैं. प्रशासन इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ है. गुमला प्रशासन की ओर से जो संभव होगा मदद की जायेगी.
Posted By : Samir Ranjan.