Jharkhand News: गुमला जिले के रायडीह प्रखंड के चार आदिवासी एवं एक आदिम जनजाति युवक दलालों के चक्कर में तमिलनाडु में फंस गये. दलाल से फोन से बात कर मजदूरी करने तमिलनाडु पहुंचे पांच युवकों को दलालों ने किया कैद कर लिया. युवक अपने को बचाने के लिए एक दलाल की पिटाई कर कैद से भाग निकले, तो रास्ते में पांचों युवकों को तमिलनाडु पुलिस ने पकड़ लिया. अभी पांचों युवक तमिलनाडु के थाना में हैं. इन युवकों ने परिजनों से संपर्क कर मदद मांगी है. इधर, परिजनों ने अपने बच्चों को सुरक्षित झारखंड लाने के लिए सरकार से मदद मांगी है. पांचों युवकों के फंसे होने की सूचना पर मिशन बदलाव, गुमला के जीतेश मिंज की पहल पर गुमला डीसी एवं एसपी को लिखित ज्ञापन सौंपकर मदद की गुहार लगायी गयी है. जिससे युवकों को तमिलनाडु से गुमला लाया जा सके. जीतेश मिंज ने कहा है कि दलालों ने युवकों को फंसाकर पहले बुलाया फिर कैद किया. अब फंसा दिया. सरकार इन युवकों की मदद करे.
तमिलनाडु में फंसे युवकों के नाम
रायडीह प्रखंड के कोंडरा गांव निवासी आदिम जनजाति युवक सुभाष बिरहोर (करीब 20 वर्ष), कोनकेल गांव निवासी आदिवासी युवक आशीष बखला (20 वर्ष) पिता पीटर बखला, मोकरा गांव निवासी राजेश उरांव (21 वर्ष) पिता बंधन उरांव, संतु खड़िया (27 वर्ष) पिता रेंगसा खड़िया और धनेसवार उरांव (17 वर्ष) है. इसमें सुभाष बिरहोर इंटर पास है. इस वर्ष वह प्रथम श्रेणी से इंटर पास किया है. अन्य युवक भी इंटर पास हैं. लेकिन, रोजगार के चक्कर में वे लोग दलाल के बहकावे में तमिलनाडु पहुंच गये और वहां फंस गये.
इस प्रकार पांचों युवक फंसे
पांचों युवक 11 जुलाई, 2022 को झारखंड से काम की तलाश में केरल होते हुए तमिलनाडु पहुंचे थे. तमिलनाडु के एक दलाल ने फोन कर इन पांचों युवकों को अच्छा काम दिलाने की बात कहकर बुलाया था. युवक तमिलनाडु पहुंचे, तो दलालों ने उन्हें बस स्टैंड से अपने साथ ले गये. इसके बाद दलालों ने पांचों युवकों को अनजान जगह पर ले गये. जहां एक घर में कैद कर लिया. बताया जा रहा है कि दलालों की संख्या भी चार-पांच था. एक घर में कैद करने के बाद पहले गुमला के युवकों का पैसा, बैग और मोबाइल ले लिया गया. फिर 50 हजार रुपये की मांग करने लगे. मारपीट भी किया. पैसा नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी. डर से कोनकेल गांव के आशीष बाखला ने अपने दोस्त मुकेश बा को फोन किया. मुकेश बा तमिलनाडु क्षेत्र में ही कहीं काम करता है.
50 हजार की मदद मांगी
आशीष ने तत्काल में मुकेश से 50 हजार की मदद मांगी. जब मुकेश ने पैसा मांगने का कारण पूछा, तो दलाल ने फोन काट दिया. इसके बाद आशीष के नंबर से पुन: 15 बार मुकेश के नंबर पर फोन किया गया. अंत में मुकेश ने पैसा भेजने के लिए गूगल या फोन-पे का नंबर मांगा. दलालों ने कोलकाता के दीपक केसरी का फोन पे नंबर उपलब्ध कराया. जिसमें ट्रायल के लिए पहले एक रुपये डाला गया. फिर मुकेश ने दीपक के नंबर पर बात की, तो पता चला कि पांचों युवक कुछ दलालों के चक्कर में फंस गये हैं.
दलाल को पीटकर भागे युवक, तो पुलिस ने पकड़ा
मुकेश बा पूरा मामला समझ गया. वह पैसा नहीं दिया. अंत में पांचों युवक अपने को कैद से मुक्त करने के लिए एक दलाल की पिटाई कर वहां से भाग गये. वे लोग भागने के बाद बस चढ़ने जा रहे थे. तभी पिटाई से घायल युवक ने तमिलनाडु पुलिस को हमला करने की जानकारी दी. तमिलनाडु पुलिस ने आशीष का नंबर ट्रेस कर उन पांचों युवकों तक पहुंची और सभी को पकड़कर थाना ले गयी. इसके बाद पुलिस की मदद से युवकों ने अपने परिजनों को फोन कर जमानत पर छुड़ाकर वापस गुमला ले जाने की मांग की. अभी पांचों युवक तमिलनाडु के नम्माकल जिले के तिरुचेन्नगुड़े ग्रामीण पुलिस स्टेशन, तिरुचेन्नगुड़े से वेलूर रोड, कराटापलायम बस स्टेशन के पास हैं.
परिजनों ने डीसी व एसपी से मदद मांगी
पांचों युवकों के तमिलनाडु में फंसने की सूचना पर परिजन पीटर बाखला, बंधन उरांव, अंतु खड़िया, मुन्ना उरांव, अलका बखला व अनुराग किंडो गुमला डीसी एवं एसपी को लिखित ज्ञापन सौंपे. ज्ञापन में अपने बच्चों के तमिलनाडु में फंसने की जानकारी दिया. साथ ही पांचों युवकों को तमिलनाडु से वापस लाने की मांग किया है.
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रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.