गुमला जिले के 50 मजदूर तेलंगाना स्थित जयप्रकाश एसोसिएट लिमिटेड में बंधक बने हुए हैं. ये मजदूर घर आना चाहते हैं. परंतु कंपनी के लोग मजदूरों को कारखाना से बाहर निकलने नहीं दे रहे हैं. मजदूरों ने कारखाना से बाहर निकलने के लिए कई बार प्रयास किया. परंतु कंपनी के मालिक ने कहा है कि अगर भाग गये तो बकाया मजदूरी का पैसा नहीं देंगे. पूरा मामला क्या है. पढ़िए, गुमला के प्रभात खबर ब्यूरो दुर्जय पासवान की रिपोर्ट…
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तेलंगाना में एक कारखाना में बंधक बनें मजदूरों ने कहा है कि हमलोगों का पांच माह का मजदूरी कंपनी के पास बकाया है और पैसे नहीं मिले हैं. पैसा मांगने पर लॉकडाउन तक पैसा देने से इंकार कर दिया है. मजदूरों ने फोटो भेजकर अपनी समस्या बतायी है.
मजदूर शंकर साहु, मिटकू साहू, जीतराम उरांव और मनोहर कुमार ने हम लोग गरीब हैं. गरीबी के कारण तेलंगाना में मजदूरी करने आये थे. परंतु कंपनी के मालिक काम कराने के बाद पांच माह का मजदूरी नहीं दे रहे हैं. हमलोगों ने कई बार कंपनी से निकलने का प्रयास किया. परंतु कंपनी के लोग गेट बंद किये हुए हैं. बाहर निकलने नहीं दे रहे हैं. मजदूरों ने कहा कि अब हम तेलंगाना में रहना नहीं चाहते हैं. झारखंड सरकार हमारी मदद करे. हमें किसी भी प्रकार यहां से निकालकर गुमला ले जाये. ताकि हम अपने परिवार के साथ रह सके.
मजदूरों ने मिशन बदलाव के संयोजक भूषण भगत को फोटो भेजकर तेलंगाना में सह रहे कष्ट की जानकारी दी है. मिशन बदलाव के भूषण भगत ने कहा कि हमारे गुमला के 50 मजदूर तेलंगाना में बंधक बने हुए हैं. कंपनी उनके मजदूरी का भुगतान नहीं कर रही है. लॉकडाउन में मजदूरों के समक्ष खाने पीने की समस्या उत्पन्न हो गयी है. मजदूरों को तेलंगाना से लाने के लिए गुमला प्रशासन व सरकार से मदद मांगी जा रही है. ताकि मजदूरों को सकुशल कारखाना से निकालकर गुमला लाया जा सके.