Jharkhand news: गुमला जिला अंतर्गत वृंदा पंचायत के चरकाटांगर गांव में बिजली विभाग का कमाल देखने को मिला है. इस गांव में 65 बिजली कनेक्शनधारी हैं. जिसमें से कई के घरों में बिजली तो जलती है, लेकिन कई लोग ऐसे हैं जिनके घर में बिजली नहीं जलती है. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके घर में बिजली का कनेक्शन तो है, लेकिन उनके घर के अंदर न तो बिजली का बोर्ड लगाया गया है और न तो घर में बिजली ही जलती है. इसके बावजूद प्राय: बिजली कनेक्शनधारियों को 17 हजार से लेकर 35 हजार रुपये तक का बिजली बिल थमा दिया गया है.
बड़ी बात है कि बिजली बिल इधर हाल-फिलहाल में कुछ दिन पहले दिया गया है, लेकिन इससे एक साल पहले सभी लोगों को बिजली बिल जमा करने संबंधित नोटिस दिया गया था. बिजली बिल जमा करने के लिए एक साल पहले नोटिस देने एवं एक साल बाद बिजली बिल मिलने से बिजली कनेक्शनधारी सकते में हैं.
इधर, काफी अधिक का बिजली बिल मिलने के विरोध में बिजली कनेक्शनधारियों ने मंगलवार को गुमला के करौंदी स्थित पावर हाउस का घेराव किया. घेराव करने पहुंचे लोग पहले विद्युत विभाग के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर से मुलाकात करने पहुंचे. लेकिन, एग्जिक्यूटिव इंजीनियर के नहीं रहने पपर विद्युत अंचल अभियंता सुनील कुमार से मुलाकात किया.
बिजली कनेक्शनधारियों ने बताया कि गांव में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजना के तहत वर्ष 2010 में गांव में विद्युतीकरण हुआ है. विद्युतीकरण होने के बाद विद्युत आपूर्ति के लिए 10 केवी का ट्रांसफारमर लगाया गया. लेकिन, ट्रांसफारमर कम क्षमता वाला होने के कारण लोगों को सुचारू रूप से बिजली नहीं मिल रही थी.
वोल्टेज काफी कम रहता था. बरसात के मौसम में तो बिजली रहती ही नहीं थी. इसके बाद वर्ष 2014 में ट्रांसफारमर जल गया. ट्रांसफारमर जलने के कारण गांव में किसी के घर में भी बिजली नहीं जल रही थी. इसके बावजूद बिजली बिल बढ़ते ही जा रहा था. इसकी शिकायत विद्युत विभाग से किया गया. लेकिन, विभाग ने जांच नहीं कराया. नतीजा, वर्ष 2020 के अगस्त माह में बिजली बिल जमा करने के लिए नोटिस मिला.
नियमानुसार सबसे पहले बिजली बिल दिया जाता है. बिजली बिल का भुगतान नहीं होने पर नोटिस दिया जाता है. लेकिन, यहां तो पहले नोटिस मिला और अब एक साल बाद बिजली बिल दिया गया है. गांव में सभी लोग बीपीएल धारी हैं. लेकिन, बिजली बिल एपीएल का दिया गया है.
घेराव करने वालों में देवेंद्र उरांव, नितेश कुमार, जितनी देवी, बिरसा साहू, शंकर साहू, आनंद लोहरा, अघनु खड़िया, वकील साहू, सुना खड़िया, सुकरा महतो, पोकली देवी, दुर्गा खड़िया, दुलारी देवी, लहरू गोप, कबुतरी देवी, झरिया चीक बड़ाईक, देवी खड़िया, रामप्रसाद गोप सहित अन्य ग्रामीण शामिल हैं.
चरकाटांगर गांव के बिजली कनेक्शनधारी पोकली देवी ने बताया कि गांव में विद्युतीकरण होने के बाद सभी के घर में बिजली कनेक्शन मिला. मेरे घर में भी कनेक्शन मिला, लेकिन कनेक्शन लेने के बाद से लेकर अब तक घर में न तो बिजली का बोर्ड लगाया गया है और न तो घर में एक बल्ब तक ही जलाये हैं. इसके बावजूद विद्युत विभाग द्वारा 35,020 रुपये का बिजली बिल थमा दिया है. कहती है कि हम गरीब लोग हैं. बिजली आज तक जलाये नहीं हैं, लेकिन हजारों रुपये का बिजली बिल थमा दिया गया है. बिल का भुगतान कहां से करेंगे?
इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने गुमला विधायक भूषण तिर्की से भी मुलाकात किया था. ग्रामीणों ने विधायक को समस्या से अवगत कराते हुए बिजली बिल में सुधार कराने की मांग की थी. ग्रामीणों ने बताया कि मांग के आलोक में विधायक ने त्वरित पहल करते हुए विद्युत विभाग के एसडीओ से मोबाइल पर संपर्क कर बिजली बिल में सुधार करने का निर्देश दिया था. लेकिन, विधायक के निर्देश के बावजूद एसडीओ द्वारा अब तक किसी प्रकार का पहल तक नहीं किया गया है और अब बिजली बिल के भुगतान के लिए दबाव बनाया जा रहा है.
रिपोर्ट: जगरनाथ, गुमला.