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बालेश्वर के नागपुरी गानों का एलबम यू-ट्यूब में मचा रहा है धमाल, जानें हादसे में पैर गंवाने के बाद कैसे चुनी नयी राह

Jharkhand news, Gumla news : सड़क हादसे में एक पैर गंवाने के बाद भी 35 वर्षीय बालेश्वर साहू ने हार नहीं मानी. न ही अपनी जिंदगी से हताश हुए, बल्कि पैर गंवाने के बाद खुद जीने की राह चुनी. अपने साथियों के साथ मिलकर वे नागपुरी गानों का एलबम बना रहे हैं और यू-टयूब चैनल में धमाल बचा रहे हैं. अबतक 3 एलबम बनाये हैं. तीनों एलबम के निर्माता बालेश्वर हैं.

Jharkhand news, Gumla news : गुमला (दुर्जय पासवान) : सड़क हादसे में एक पैर गंवाने के बाद भी 35 वर्षीय बालेश्वर साहू ने हार नहीं मानी. न ही अपनी जिंदगी से हताश हुए, बल्कि पैर गंवाने के बाद खुद जीने की राह चुनी. अपने साथियों के साथ मिलकर वे नागपुरी गानों का एलबम बना रहे हैं और यू-टयूब चैनल में धमाल बचा रहे हैं. अबतक 3 एलबम बनाये हैं. तीनों एलबम के निर्माता बालेश्वर हैं.

एलबम में सभी कलाकार, कैमरामैन, तकनीकी सहायक गुमला के रहने वाले हैं. गानों की शूटिंग बसिया एवं पालकोट के जंगल एवं पहाड़ों के बीच किया गया है. किंदिरकेला के सकिया डैम, डीपाटोली पहाड़, करौंदाबेड़ा चर्च में गानों की शूटिंग की गयी है. बालेश्वर ने तोरे प्यार में, तोर लखे दुनिया में कोई भी मिलबैय जोड़ी और 24 दिसंबर नागपुरी गानों का एलबम बनाये हैं. अभी तक तीनों एलबम हिट रहा है और यू-टयूब में लोग काफी पसंद भी कर रहे हैं.

हादसे के बाद ऐसी बदली जिंदगी

बालेश्वर साहू का घर पालकोट प्रखंड के करौंदाबेड़ा गांव है. केओ कॉलेज गुमला से स्नातक किये हैं. वर्ष 2014 में रांची में गाड़ी चलाने के दौरान सड़क हादसा हुआ था. उस समय बालेश्वर का एक पैर को काटना पड़ा था, जबकि दूसरा पैर भी कमजोर हो गया है. हादसे के बाद सगे-संबंधी, दोस्त, पड़ोसी उसे ढाढस बंधाते रहे. 5 साल तक वे लगातार सोचते रहे कि क्या काम करें, क्योंकि पैर नहीं रहने के बाद जीवन खत्म नहीं होती. इसी सोच को अपनाते हुए बालेश्वर ने कुछ अलग काम करने की ठानी.

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बालेश्वर में बचपन से ही कलाकार के गुण है. नागपुरी गीत का शौक भी है. कई वाद्ययंत्र भी बजा लेते हैं. इसलिए उन्होंने नागपुरी गानों का एलबम बनाने की ठानी. फिर उन्होंने स्थानीय कलाकारों से संपर्क करना शुरू किया. कामडारा के संगम नायक, बानो की दिव्या कुमारी, गायक अनीस महली, पिंडराडीपा के मनीष सिंह को उन्होंने एलबम में कलाकार के रूप में उतारा. तकनीकी सहायक के रूप में शिक्षक आनंद बड़ाइक ने मदद की. फिर 2 महीने में 3 एलबम बनाये जो अभी यू-टयूब में धमाल मचा रहा है.

डिजिटल युग का उठाया

बालेश्वर साहू ने कहा कि डिजिटल होते युग का फायदा मैंने उठाया है. पालकोट में नागपुरी स्टूडियो खोला है. प्राकृतिक की गोद के बीच एलबम बनाया और फिर उसे यू-टयूब में चला रहा हूं. एक एलबम बनाने में करीब 10 हजार रुपये खर्च आ रहा है. श्री साहू ने कहा कि 3 एलबम बनाये हैं. यू-टयूब में नागपुरी गानों को सुना जा सकता है. यू-टयूब से ही अब पैसा कमाने का सपना है. अभी और नागपुरी गानों का एलबम बनाना है. तैयारी चल रही है. यू-टयूब से अच्छी आमदनी की उम्मीद है.

Posted By : Samir Ranjan.

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