गुमला : लॉकडाउन में गुमला में खून की कोई कमी नहीं है. किसी मरीज को खून की जरूरत पड़ती है, तो 24 घंटा रक्तदाता खून देने को तैयार रहते हैं. ब्लड बैंक, गुमला में थैलेसिमिया व सिकलसेल के मरीजों के लिए 24 घंटे खून की व्यवस्था है. ब्लड बैंक में अगर किसी ब्लड ग्रुप के खून की कमी हो जाती है, तो व्हाटसअप ग्रुप के माध्यम से तुरंत खून की व्यवस्था की जाती है. गुमला में इसके लिए कई व्हाटसअप ग्रुप सक्रिय है, जो 24 घंटे खून देने के लिए तैयार रहते हैं. किस प्रकार रक्तदान महादान का कार्यक्रम गुमला में चल रहा है. पढ़िए दुर्जय पासवान व जॉली विश्वकर्मा की रिपोर्ट पढ़े.
गुमला ही नहीं राज्य के किसी भी कोने में किसी मरीज को इमरजेंसी में खून की जरूरत होती है तो जीवन संस्था, मिशन बदलाव, ब्लड डोनेड जैसी संस्था व्हाटसअप ग्रुप के माध्यम से खून की व्यवस्था कराते हैं. साथ ही गुमला के कई समाजसेवी व संगठन भी रक्तदान करने के लिए 24 घंटे तैयार हैं.
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रक्तदाताओं के लिए एंबुलेंस सेवा
सदर अस्पताल, गुमला द्वारा रक्तदाताओं के लिए डोर टू डोर एंबुलेंस सेवा शुरू की गयी है. यह गुमला के लिए इस कोरोना वायरस महामारी के समय सुंदर पहल है. अस्पताल में अगर किसी को खून चढ़ाना है और खून की जरूरत है. ऐसे में किसी रक्तदाता को घर से अस्पताल तक लाने व ले जाने के लिए एंबुलेंस सेवा शुरू की गयी है. इसमें एंबुलेंस रक्तदाता के घर तक जायेगा और रक्तदाता को अस्पताल तक लायेगा. रक्तदान करने के बाद पुन: एंबुलेंस से उक्त रक्तदाता को घर पहुंचाया जायेगा.
लॉकडाउन में 100 यूनिट रक्तदान हुआ
कई लोगों के मन में संशय होगा कि रक्तदान करने कैसे अस्पताल जाये. अभी लॉकडाउन है. यहां स्पष्ट कर दें कि इस लॉकडाउन में भी 100 से अधिक लोग गुमला सदर अस्पताल पहुंचकर ब्लड बैंक में 100 से अधिक यूनिट रक्तदान किये हैं. लोगों द्वारा दान की गयी खून से किसी की जान बच रही है. ब्लड बैंक से मिली जानकारी के अनुसार, 22 मार्च से लेकर अबतक 100 से अधिक लोगों ने अस्पताल में आकर रक्तदान किया है. इसमें कुछ लोग स्वेच्छा से पहुंचे, तो कुछ लोगों को एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया और रक्तदान के बाद उन्हें घर भेजा गया. वहीं, प्रशासन के सहयोग से अस्पताल में कैंप भी लगाया गया था.
ब्लड बैंक में 35 यूनिट खून संग्रह
डॉक्टर से मिली जानकारी के अनुसार, गुमला ब्लड बैंक में फिलहाल 35 यूनिट खून संग्रह है. सभी ग्रुप के खून उपलब्ध हैं. इसलिए किसी को भी जरूरत पड़ने पर वे ब्लड बैंक आकर संपर्क कर सकते हैं. उन्हें खून उपलब्ध कराया जायेगा. डॉक्टर ने यह भी बताया कि लॉकडाउन के दौरान गुमला अस्पताल में 65 यूनिट से अधिक खून मरीजों को चढ़ाया गया है.
थैलेसिमिया व सिकलसेल के 65 मरीज
गुमला जिले में थैलेसिमिया व सिकलसेल के 65 मरीज हैं. इसमें सभी बच्चे हैं, जिन्हें हर समय खून की जरूरत पड़ती है. इसमें थैलेसिमिया के 45 व सिकलसेल के 20 मरीज हैं. गुमला सदर अस्पताल के उपाधीक्षक व ब्लड बैंक इंचार्ज डॉक्टर आनंद उरांव ने बताया कि गुमला में खून की कभी कमी नहीं पड़ती है. अगर कभी कमी हो जाती है, तो लोग कैंप लगाकर स्वेच्छा से रक्तदान करते हैं. रक्तदान करने में सेना के जवान, पुलिस, प्रशासन व आम जनता भी आगे हैं.