Jharkhand News, गुमला न्यूज (जगरनाथ) : वन विभाग द्वारा गुमला जिले के 10 वन क्षेत्रों में बनाये गये कच्चे चेकडैम में इन दिनों लबालब पानी भरा हुआ है. पहाड़ के पानी को रोककर जल संरक्षण की दिशा में ये पहल सराहनीय है. इससे न केवल वन्य जीवों को नया जीवन मिलेगा, बल्कि सिंचाई कार्यों में भी मदद मिलेगी.
कैंपा मद से जल संरक्षण योजना के तहत मार्च माह 2021 में जिला अंतर्गत सिसई, गुमला के ओकबा, घाघरा के मलगो, अरंगी, चचाली, चैनपुर, छत्तरपुर, हुकरा पहाड़, सरगांव में एक-एक कच्चा चेकडैम एवं तुकई में पक्का चेकडैम बनाया गया है. प्राय: चेकडैम जंगल में पहाड़ों के नीचे बनाया गया है. योजना के तहत जल संरक्षण का कार्य करवाने का उद्देश्य पहाड़ से तेजी से नीचे की ओर उतरते पानी के बहाव की रफ्तार को चेकडैम बनाकर कम किया जाता है. जिससे यह पानी परकोलेशन टैंक में चला जाता है और भू- जल संरक्षण में मदद मिलती है.
Also Read: कोरोना से सावन का रंग फीका, फौजदारीनाथ के पंचशूल को प्रणाम कर लौट गये हजारों श्रद्धालुडैम एवं टैंक ऐसे स्थानों पर बनाया गया है. जहां पहाड़ी से उतरता पानी आसानी से पहुंच सके और बरसाती पानी संग्रहित हो सके. इससे न केवल वन क्षेत्र में पानी की उपलब्धता बरकरार रहेगी, बल्कि जल स्त्रोत भी बढ़ेगा और पानी की उपलब्धता के कारण जंगली पौधों का पुनर्जनन होगा. साथ ही समीप वाले कुआं, डोभा व तालाबों में पानी भरा रहेगा. वन्य जीवों को पानी की कमी नहीं होगी.
Also Read: सावन की पहली सोमवारी आज, देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम में पसरा सन्नाटा, पुलिस की कड़ी निगरानीचेकडैम के आसपास वाले खेती योग्य भूमि में खेती करने के बाद किसानों को भी आसानी से फसलों को सिंचित करने के लिए पानी मिलेगी और गर्मी के मौसम में जंगल में आगमनी की घटनायें भी कम होंगी. साथ ही पहाड़ी से तेजी से पानी नीचे की ओर बहने के कारण मिट्टी का कटाव होता है. चेकडैम से पानी के नीचे की ओर बहने की रफ्तार कम होने से मिट्टी का कटाव भी कम होगा. इससे मिट्टी भी ठोस बनेगी और जमीन का निर्माण होगा. जिसमें नये-नये जंगली पौधे पनपेंगे और जंगल का विस्तार होगा. वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कैंपा मद से जंगल में पहाड़ी के नीचे बनाये गये चेकडैम से जल स्तर में वृद्धि हो रही है. वहीं विभाग द्वारा चेकडैम वाले स्थलों की जांच भी गयी. जांच में गुणवत्ता पायी गयी है.
Also Read: कोल्हान के पहले हॉर्टिकल्चर कॉलेज में अगले सत्र से होगी पढ़ाई, 40 सीटों पर होगा नामांकन, ये भी होंगी सुविधाएंडीएफओ श्रीकांत ने कहा कि जिले के 10 वन क्षेत्रों में कैंपा मद से एक-एक चेकडैम बनाया गया है. मार्च माह में चेकडैम बनाने का कार्य कराया गया था. चेकडैम बनकर तैयार है. जिसका सकारात्मक परिणाम दिखायी दे रहा है. वर्तमान में बरसाती पानी चेकडैमों में भरा हुआ है. यह पानी काफी लंबे समय तक डैम में रहेगा. डैम के माध्यम से न केवल जल संरक्षण का कार्य हो रहा है, बल्कि जल की उपलब्धता के कारण नये-नये पौधों का जीवन भी पनपेगा.
Posted By : Guru Swarup Mishra