Jharkhand news: गुमला जिला अंतर्गत रायडीह थाना के जरजट्टा महुआटोली निवासी कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रखंड अध्यक्ष सहदुल मंसूरी के पुत्र हिबजुल मंसूरी (32 वर्ष) की अपराधियों ने भुजाली से मारकर हत्या कर दिया. हत्या के बाद शव को बिरकेरा रोड में मिलमिली पुल के समीप फेंक दिया था. मृतक लकड़ी कारोबारी के साथ कांग्रेस नेता भी है.
सोमवार की सुबह कुछ लोगों ने शव को देखा. इसके बाद परिजनों को सूचना दी. परिजनों ने सुबह छह बजे पुलिस को हत्या की जानकारी दी. पुलिस घटना की सूचना के दो घंटे बाद आठ बजे मिलमिली पुल के पास पहुंची. यह देख परिजन व ग्रामीण आक्रोशित हो उठे. पुलिस को शव उठाने नहीं दिया. एक घंटे माहौल गर्म रहा.
इसके बाद परिजन खुद शव को उठाकर सुबह नौ बजे मांझाटोली के समीप पहुंचे और एनएच-78 को जाम कर दिया. इससे रांची व छत्तीसगढ़ की मार्ग (NH-78) जाम हो गयी. प्रखंड स्तर के अधिकारी जाम हटाने का प्रयास किये, लेकिन लोग आरोपियों की गिरफ्तारी और मुआवजा की मांग पर अड़े रहे. अंत में 12 बजे गुमला के एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब व एसडीओ रवि आनंद पहुंचे. एसपी व एसडीओ के समझाने के बाद लोगों ने जाम हटाया.
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मृतक के दोस्त मो इमरान ने कहा कि रविवार को हिबजुल के साथ मैं बाइक से मांझाटोली गये थे. जहां पारासीमा गांव के नवीन एक्का व सुरसांग के सरोज पंडा मिले. इन लोगों से लकड़ी का कारोबार हिबजुल का चलता है. हिबजुल ने मुझे बाइक लेकर घर भेज दिया और कहा कि मैं रात को इन लोगों के साथ ही रहूंगा. इमरान ने कहा कि मैं वापस घर चला गया. सोमवार की सुबह को हत्या की सूचना मिली.
मृतक के पिता का नाम सहदुल मंसूरी है जो रायडीह प्रखंड में कांग्रेस के बड़े नेता हैं और अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रखंड अध्यक्ष हैं. हिबजुल भी कांग्रेस का सदस्य बना था और सक्रिय रूप से काम करता था. मृतक की पत्नी समरून निशा है. उसके चार बच्चे हैं. साहिन परवीन 11 साल, अब्बू साद 6 वर्ष, सहजादी परवीन चार साल व सुमैया परवीन दो साल है. हिबजुल की मौत से परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है.
परिजनों ने कहा कि मृतक के चार बच्चे हैं. अब उनकी परवरिश कैसे होगी. प्रशासन से मुआवजा और नौकरी देने की मांग की है. वहीं, मां खतीजा परवीन ने पुलिस को दो लोगों पर हत्या की आशंका व्यक्त करते हुए आरोपियों के नाम बताया है. परिजनों ने आरोपियों को पकड़ने की मांग की है.
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हिबजुल की हत्या की सूचना पुलिस को छह बजे दी गयी, लेकिन पुलिस दो घंटा देर से घटनास्थल पहुंची. इसलिए ग्रामीण और परिजन आक्रोशित हो गये और सड़क जाम कर दिये. घटनास्थल पर एसडीपीओ सिरिल मरांडी, चैनपुर इंस्पेक्टर अनूप बी केरकेटटा, बीडीओ अमित मिश्रा, रायडीह थानेदार नरेंद्र शर्मा, सुरसांग थानेदार संदीप राज पहुंचे. ये लोग जाम हटाने का प्रयास किये, लेकिन लोग नहीं माने.
अंत में एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब व एसडीओ रवि आनंद पहुंचे. इन दोनों अधिकारियों के समझाने के बाद सड़क जाम हटाया गया. प्रशासन ने तत्काल परिजन को 20 हजार रुपये दिया. वहीं, मां व पत्नी को पेंशन देने की स्वीकृति दी गयी. इसके बाद दिन के 12 बजे जाम हटा.
रिपोर्ट: खुर्शीद आलम, रायडीह, गुमला.