गुमला जिले में बिशुनपुर प्रखंड है. यह नक्सल इलाका है. कई बड़ी घटनाएं घट चुकी हैं. अभी भी पुलिस व नक्सली आमने सामने होते रहते हैं. वहीं अभी कोरोना महामारी का भी संकट है. पूरा देश इस महामारी से लड़ रहा है. इसी नक्सल व कोरोना महामारी के बीच महिला बीडीओ छंदा भट्टाचार्य बिशुनपुर प्रखंड में काम कर रही हैं. रात हो या दिन. 24 घंटा बीडीओ छंदा 24 घंटे ऑन ड्यूटी रहती हैं. ऊपर से लॉक डाउन का भी सख्ती से पालन कराना है. कई जिम्मेदारियों को निभाते हुए छंदा भट्टाचार्य कभी डरी नहीं. न थकीं. लगातार काम कर रही हैं.
लॉ एंड आर्डर का पालन कराना हो या फिर गरीबों के घर इस संकट में अनाज पहुंचाना हो. वे अपने काम में लगी हुई हैं. बीडीओ लगातार सभी पंचायत में बनाये गये क्वारेंटाइन सेंटर व जेएसपीएलएस द्वारा संचालित दीदी किचन का निरीक्षण कर यह प्रयास कर रही हैं कि लॉक डाउन के दौरान कोई भी गरीब, असहाय, वृद्ध भूखा ना रहे. चाहे दो समय भूखे मै क्यों न रह जाउं. उनके द्वारा नि:स्वार्थ भाव से किये जा रहे यह कार्य उन्हें औरों से अलग बनाता है.
प्रखंड कर्मियों के सामूहिक सहयोग से राशि एकत्रित कर सुदूरवर्ती क्षेत्र के लोगों के घर तक पहुंच कर उन्हें राशन की सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है. साथ ही उनसे अपील की जा रही है कि वे लॉक डाउन का पालन करते हुए घर में रहे.
बीडीओ छंदा भट्टाचार्य ने प्रभात खबर के प्रतिनिधि बसंत कुमार से बातचीत में कहा कि जब से मैंने अपना कार्यभार संभाला है. तब से पूर्व की अपेक्षा कई गतिविधियों में बदलाव आया है. जिसमें मुख्य रूप से बीडीओ ने अपने कर्मियों को अनुशासित करते हुए तय समय सीमा तक अपने ऑफिस ड्यूटी पर तैनात रहने का फरमान जारी करते हुए किसी प्रकार का किसी भी लाभुक से अवैध राशि ना लेने व बिचौलियों को प्राथमिकता न देने की अपील की है. जिसके बाद कई गतिविधियों में बदलाव आया है. पूर्व में एक साइन के लिए सुदूरवर्ती क्षेत्र से आये लोगों को संबंधित अधिकारियों से मिलने के लिए दो से तीन दिन लग जाते थे. परंतु आज प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीणों को इसका लाभ मिल रहा है. बीडीओ के कार्यों को लेकर ग्रामीण भी खुश हैं और उन्हें आशीर्वाद देते हैं.