Coronavirus in Jharkhand (दुर्जय पासवान, गुमला) : गुमला जिला के इन युवाओं से दूसरे युवाओं को सीख लेनी चाहिए. दूसरों की मदद करते हुए ये युवा कोरोना संक्रमित हो गये. लेकिन, ये लोग हार नहीं माने. दृढ़ इच्छाशक्ति व आत्मविश्वास से कोरोना को हराया. कोरोना को हराने के बाद ये युवा फिर दूसरे लोगों की मदद करने के लिए मैदान में उतर आये हैं. ऐसे ही युवाओं की कहानी, जो कोरोना संक्रमित होने के बाद पुन: ठीक होकर लोगों की मदद कर रहे हैं.
गुमला के मनीष कुमार सिंह हर समय दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते हैं. 11 अप्रैल को टीका लिए, लेकिन 21 अप्रैल को तेज बुखार (102 डिग्री) हो गया. दवा खायी. परंतु बुखार नहीं उतरा. 22 अप्रैल को कोरोना जांच कराया. जिसमें मनीष संक्रमित मिले. पुन: 24 अप्रैल को जांच कराया. उसमें भी पॉजिटिव आया. मनीष ने कहा कि कुछ देर के लिए मैं डर गया. परंतु हिम्मत नहीं हारी. बुखार उतर नहीं रहा था. कोरोना हाई था. सर्दी, खांसी हुआ. खाने का स्वाद चला गया.
इसके बाद घर में रहकर दवा व घरेलू नुस्खा का उपयोग करने लगा. मैं भी एक मेडिकल प्रेक्टीशनर हूं. खुद से सूई लिया. मैंने मन में ठान लिया. मुझे ठीक होना है. होम आइसोलेशन में रूटीन बना लिया. रूटीन के आधार पर हर काम किया. मैं हर तीन महीने में खून दान करता हूं. जो कि मेरा कोरोना वायरस को हराने में रामबाण साबित हुआ. श्री सिंह ने कहा कि कोरोना होने पर डरे नहीं, बल्कि धैर्य व अनुशासन से उसे हराये.
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गुरुकुल संस्थान, गुमला के निदेशक रवींद्र सिन्हा अक्सर दूसरों की मदद करते हैं. कोरोना से ठीक होने के बाद पुन: लोगों की सेवा करने लगे. उन्होंने बताया कि विगत 24 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हुआ था. जिसके बाद प्रतिदिन मेरी तबीयत और बिगड़ने लगी. लेकिन, घर पर रहकर ही चिकित्सकों की सलाह से समय पर सही इलाज कराया. साथ ही गर्म पानी, भांप, काढ़ा, विटामिन-सी के लिए निंबू पानी और जरूरी दवाइयां जैसे जरूरी चीजों को लेता रहा. हरदम मास्क का प्रयोग करता रहा, लेकिन दो सप्ताह में मैं पूरी तरह से ठीक हो गया.
कोरोना संक्रमित मरीजों को यही संदेश देना चाहूंगा कि कोविड होने पर घबराएं नहीं. तुरंत जांच करवाकर सही दवाइयां लेते रहे. हमेशा अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा को कायम रखें. नकारात्मक बातों पर ध्यान देने से बेहतर है. खुद को मजबूत समझे और मजबूती के साथ कोरोना वायरस को अपने भीतर से समाप्त करें.
निजी इंस्टीच्यूट के शिक्षक रोहित कुमार साहू दूसरों लोगों की मदद के लिए हर समय तैयार रहते हैं. रोहित ने बताया कि अप्रैल माह में कोरोना से संक्रमित हो गया. संक्रमित होने के बाद तीन दिन बहुत ज्यादा बुखार, दर्द और कमजोरी रहा. कोरोना से खुद को ठीक करने के लिए सबसे पहले मैं होम आइसोलेशन हो गया. फिर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन वाली मेडिसिन, दिन भर में तीन बार काढ़ा, नियमित गरम पानी पीना और भांप लेना शुरू कर दिया.
दवाई शुरू करने के बाद कोरोना के सभी लक्षण आकर चला गया. खाने में स्वाद चला गया था. परंतु एक सप्ताह में स्वाद वापस आ गया. ऑक्सीजन की नियमित रूप से जांच करते रहता था. करीब 15 दिन के बाद फिर से जांच कराया, तो रिपोर्ट निगेटिव आया. निगेटिव होने के बाद भी कुछ दिन शरीर में कमजोरी थी. मेरे मन में एक ही बात था. 14 दिन के बाद मैं ठीक हो जाऊंगा. इसी संकल्प से मैं 14 दिन बाद ठीक हुआ.
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गुमला के प्रीतम राज कुमार कोरोना संक्रमित हो गया. शुरू में वह डरा. परंतु दोस्तों की सलाह व परिवार के लोगों द्वारा आत्मविश्वास बढ़ाने से वह सात दिनों में कोरोना को हराकर स्वस्थ हो गया. उन्होंने कहा कि जैसे ही लक्षण दिखना शुरू हुआ. मैंने तुरंत जांच करवाया. अपने आप को घर में ही आइसोलेट किया. साथियों सच कहूं तो अंदर से बहुत अलग प्रकार डर था. लेकिन मेरे डॉक्टर ने मुझे साहस दिया और उन्होंने दवाइयां देने के साथ कहा थोड़ी सी दवा, थोड़ी सी दुआ, धीरज रखो सब ठीक हो जायेगा.
उन्होंने कहा कि यदि आप भी इसकी जद में आते हैं तो बिल्कुल भी घबरायें नहीं. डॉक्टर के बताये अनुसार दवाईयां लें और साथ ही सुपाच्य संतुलित आहार लें. एक समय के बाद सब ठीक हो जाता है. इस दौरान संयम अवश्य रखें. खासकर तब जब आप घर पर इलाजरत हैं. ज्यादा तनाव ना लें और इस दौरान कोरोना से जुड़े कम से कम खबर देखें जो आवश्यक हो. टीका जरूर लगवायें और दूसरों को भी प्रेरित करें.
Posted By : Samir Ranjan.