Jharkhand news: गुमला जिला अंतर्गत घाघरा प्रखंड के भैंसबथान गांव में इलाज के अभाव में गर्भवती महिला पूनम देवी की मौत हो गयी. गर्भवती महिला ने एक बच्चे को जन्म दी. इसके तुरंत बाद उसकी मौत हुई. महिला की मौत का कारण सहिया की लापरवाही और समय पर उसे स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलना बताया जा रहा है.
बच्चे को जन्म देने के बाद पूनम की हुई मौत
घटना के संबंध में मृतक के पति संजीत उरांव ने बताया कि पत्नी पूनम गर्भवती थी. नौवें महीना में उसे अचानक ही प्रसव पीड़ा हुआ. जिसके बाद से लगातार उसे अस्पताल ले जाने के लिए हमलोगों ने प्रयास किया गया. लेकिन, कोई भी सुविधा सरकार द्वारा नहीं मिल पायी. जिसके कारण इलाज के अभाव में बच्चा होने के तुरंत बाद गांव में ही उसकी मौत हो गयी. संजीत ने बताया कि गांव की सहिया विपत्ति देवी को लगातार 20 बार से अधिक कॉल किया गया, लेकिन उसने कॉल का जवाब नहीं दिया.
हिंडाल्को अस्पताल ने नहीं की मदद
ग्रामीणों ने बताया कि विपत्ति देवी सहिया तो गांव की बन गयी है, लेकिन सहिया बनने के बाद से घाघरा में रहती है. स्वास्थ्य विभाग से मदद नहीं मिलने के बाद संजीत हिंडालको द्वारा संचालित अस्पताल से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन वहां से भी उसे कोई मदद नहीं मिली. जिसके बाद अंत में परिवार के लोगों ने फैसला लिया कि अब घर में ही प्रसव कराया जायेगा. प्रसव कराने के दौरान बच्चा तो स्वस्थ जन्म लिया, लेकिन बच्चे के जन्म के तुरंत बाद पत्नी की मौत हो गयी. पूनम की मौत के बाद से पूरा परिवार सदमे में है. परिवार के सभी लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं, अब बच्चे को पालने की भी समस्या परिवार के बीच आ गयी है.
दो वर्ष पहले संजीत व पूनम की हुई थी शादी
संजीत व पूनम की शादी दो वर्ष पूर्व ही हुआ था. दोनों ने गांव में ही प्रेम विवाह किया था. जिसके बाद से पूरे परिवार के साथ खुशी-खुशी रहते थे. लेकिन, व्यवस्था की मार ऐसी पड़ी कि पूरे परिवार की खुशी, चैन, अमन बर्बाद हो गया.
हिंडाल्को अस्पताल में सिर्फ बुखार की दवा
सेरेंगदाग में बने हिंडाल्को अस्पताल में सिर्फ बुखार की दवा के अलावा कुछ भी नहीं मिलता है. यह बात ग्रामीण अब खुलकर बोल रहे हैं. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कंपनी द्वारा दिखावा के लिए अस्पताल बनाया गया है, ताकि लोगों को यह बताया जा सके कि जन कल्याणकारी कार्य कंपनी द्वारा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. ऐसे कंपनी के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए.
हिंडाल्को अस्पताल में सिर्फ बुखार की दवा
ग्रामीणों का आरोप है कि सेरेंगदाग में बने हिंडाल्को अस्पताल में सिर्फ बुखार की दवा के अलावा कुछ भी नहीं मिलता है. ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी ने दिखावे के लिए अस्पताल बनाये हैं, ताकि लोगों को यह बताया जा सके कि जन कल्याणकारी कार्य कंपनी द्वारा किया जाता है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. ग्रामीणों ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच समेत कंपनी प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की है.
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108 एंबुलेंस में नहीं लगता है कॉल
वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि जब कहीं से मदद नहीं मिला, तो ग्रामीणों ने 108 एंबुलेंस से संपर्क साधने का प्रयास किया. लेकिन, 108 एंबुलेंस से भी किसी तरह का कोई रिस्पांस नहीं मिला. ग्रामीणों का कहना है कि 108 एंबुलेंस कॉल सेंटर में कॉल करने से अब कॉल ही नहीं लगता है. पहले यह सुविधा आसानी से लोगों तक मिलती थी.
दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा : बीडीओ
इस संबंध में बीडीओ विष्णु देव कच्छप ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. निश्चित रूप से बहुत ही संवेदनशील मामला है. पूरे मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन को नोटिस देकर जवाब मांगा जायेगा. जो भी लोग इसमें दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए डीसी को पत्राचार करेंगे.
रिपोर्ट : अजीत साहू, घाघरा, गुमला.