गुमला, दुर्जय पासवान : राजस्थान में सड़क निर्माण करने के बाद भी गुमला के नौ मजदूरों को चार लाख दो हजार रुपये मजदूरी भुगतान नहीं हुआ. इसमें एक मजदूर छोटू उरांव सड़क बनाने के दौरान बीमार हो गया. पत्नी प्रियंका पति के इलाज के लिए मजदूरी का पैसा मांगते रही, लेकिन कंपनी ने पैसा नहीं दिया. जिससे इलाज के अभाव में छोटू उरांव की मौत हो गयी. ये सभी मजदूर गुमला जिला के घाघरा प्रखंड के हैं. महिला व पुरुष नौ मजदूरों का बकाया चार लाख रुपये मजदूरी नहीं मिलने से मजदूर परेशान हैं.
मजदूरों ने बकाया मजदूरी की मांग की
मजदूरों के अनुसार, सरदार व सरदारिन द्वारा मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है. ये सभी नौ मजदूर राजस्थान के अनुपगढ़ जीवा में सड़क निर्माण कार्य में मजदूरी किये हैं. सड़क बनाने के बाद जब मजदूरी की मांग सरदार रवींद्र लोहरा व सरदारिन बिरसमुनी देवी से मांग किया गया, तो मजदूरों को उनके मेहनत का पैसा नहीं मिल रहा है. इतना ही नहीं, मजदूरी मांगने पर मारपीट भी किया गया. साथ ही ज्यादा परेशान करने पर उग्रवादियों से जान मरवाने की धमकी भी दी गयी है. मजदूरों ने इसकी शिकायत करते हुए बकाया मजदूरी व धमकी देने वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग किया है.
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पीड़ित मजदूरों ने लिखित आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की
इस संबंध में मजदूरों ने गुरुवार को मजदूर संघ सीएफटीयूआई कार्यालय शांति नगर पालकोट रोड, गुमला आकर लिखित आवेदन दिया है. जिसमें कहा हैं कि नौ मजदूरों का मजदूरी भुगतान नहीं किया गया है. दो नाबालिग मजदूरों से भी काम कराकर उनका पैसा नहीं दिया गया है. इसमें एक मजदूर छोटू उरांव की मौत भी हो गयी. पत्नी प्रियंका कुमारी ने कहा कि बीमारी के कारण उसके पति की जान चली गयी. सड़क निर्माण में छोटू ने भी काम किया था. लेकिन, समय पर मजदूरी नहीं मिली. जिससे सही से इलाज नहीं करा सके. पत्नी प्रियंका के अनुसार, दोनों पति -पत्नी का 67 हजार रुपये मजदूरी बकाया है.
इन मजदूरों का पैसा बकाया है
ललिता देवी का 28000 रुपये, नीलम कुमारी का 45000 रुपये, मकेश उरांव का 45000, राजेंद्र मुंडा का 66000 रुपये, नैपी कुमारी का 66000 रुपये, सबिता कुमारी का 40000 रुपये, जगम उरांव का 45000 रुपये, प्रियंका कुमारी और उसके दिवंगत पति छोटू उरांव का 67000 रुपये मजदूरी बकाया है.
मजदूरों को नहीं मिल रहा न्याय : जुम्मन खान
इस संबंध में मजदूर संघ सीएफटीयूआई के प्रदेश सचिव जुम्मन खान ने कहा कि सभी नौ मजदूरों का चार लाख दो हजार रुपये बकाया है. मजदूर संघ द्वारा पूरे घटनाक्रम की जानकारी श्रम विभाग, गुमला को दिया गया है. जुम्मन खान ने कहा कि गुमला में श्रम विभाग सुस्त पड़ा हुआ है. जिस कारण मजदूरों को न्याय नहीं मिल पा रहा है.