Jharkhand News: झारखंड के गुमला जिले के सिसई थाना क्षेत्र के बरगांव तिलाटोली निवासी लालू उरांव हत्याकांड के मामले में चार आरोपियों को एडीजे-चार अंजनी अनुज की अदालत ने शनिवार को आजीवन कारावास का सजा सुनायी. इस मामले में सिसई थाना क्षेत्र के रामसागर गोप, रवि उरांव, गुली महली व हरिंद्र साहू को दोषी पाते हुए धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा व 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर दो-दो साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. वहीं धारा 201 के तहत पांच-पांच साल की सजा व 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. बताया जाता है कि ये हत्या पंचायत चुनाव को लेकर हुए विवाद में हुई थी.
अपर लोक अभियोजक मोहम्मद जावेद हुसैन ने इस मामले में पैरवी की थी. ये मामला 21 नवंबर 2011 का है. इस संबंध में घटना के बाद मृतक लालू उरांव की पत्नी सुनीता देवी ने सिसई थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जिसमें कहा गया है कि घटना के दिन उसके पति लालू उरांव हिंडालको में नौकरी से संबंधित कागजात बनवाने गुमला गये थे. रात्रि में गुमला करमटोली स्थित अपनी ससुराल में रूक गये थे. दूसरे दिन 22 नवंबर को मेरे पति लालू उरांव अपने दोस्त मधुराम महली के साथ गुमला से सिसई के लिये निकले थे.
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मधुराम महली के भतीजा का उसी दिन बर्थडे था. जिस कारण मेरे पति मधुराम महली के घर चले गये. वहां से खाना पीना करने के बाद रात्रि 8:30 बजे घर जाने के लिये निकले, परंतु वे घर नहीं आये. जिसके बाद लालू उरांव की काफी खोजबीन की गयी थी, परंतु उसका कुछ पता नहीं चला. इसके बाद सुनीता देवी ने 27 नवंबर 2011 को सिसई थाना जाकर अपने पति के लापता होने की लिखित सूचना दी. चार दिसंबर 2011 को लालू उरांव का शव रंगोली स्थित रेड़वा नदी के समीप मिला था. लालू उरांव की हत्या पंचायत चुनाव के समय हुए विवाद को लेकर हुई थी.
Posted By : Guru Swarup Mishra