jharkhand news, gumla news, girls education in gumla गुमला : आर्थिक तंगी व गरीबी बाधा बनी हुई थी, परंतु शिक्षा प्राप्त करने की ललक ने छात्राओं के हर मुश्किल को आसान बनाता गया. इसका परिणाम है कि गुमला की कई लड़कियां गरीबी में भी बेहतर कर रही हैं.
गरीबी में जी रही लड़कियां शिक्षा प्राप्त कर आगे बढ़ने में लगी है. बालिका दिवस पर प्रस्तुत है, ऐसी ही लड़कियों की कहानी, जो अपने बुलंद हौसले व मेहनत से मैट्रिक परीक्षा पास कर आगे की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं.
गुमला के पाकरटोली खरका निवासी 17 वर्ष की कमला कुमारी ने हाई स्कूल टोटो से 2020 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. उसके पिता भिखराम छोटे किसान हैं. आर्थिक हालत अच्छी नहीं होने से कमला घबरा रही थी की वह मैट्रिक की परीक्षा उतीर्ण नहीं कर पायेगी, परंतु अपनी मेहनत व चेंज इंडिया के शिक्षा संवर्धन कार्यक्रम के सहयोग व मार्गदर्शन से कमला ने मैट्रिक की परीक्षा 80 प्रतिशत अंक लाकर उत्तीर्ण की थी. अब वह इंटर की पढ़ाई कर रही है और शिक्षा को हथियार बना कर आगे बढ़ रही है.
बसिया प्रखंड के रामजड़ी गांव की 16 साल की बादो किसान परिवार की बेटी है. उसके माता-पिता गरीब है. पढ़ाई कैसे करेगी. यह चिंता उसे थी. परंतु उसने हार नहीं मानी. मुश्किल जिंदगी जीते हुए भी वह मैट्रिक पास की और बालिका शिक्षा की प्रेरणास्रोत बन गयी है. जनवरी माह बादो का चयन सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज द्वारा शिक्षा संवर्धन कार्यक्रम में किया गया, जहां उसे अतिरिक्त क्लास में मदद की गयी. साथ ही साथ ही उसके माता-पिता से मिल कर बात की गयी कि बादो को पढ़ाई करने का पूरा मौका दीजिये. इसके बाद बादो ने 2020 में मैट्रिक की परीक्षा 65 प्रतिशत अंक लाकर उत्तीर्ण की थी. अभी वह बसिया इंटर कॉलेज में 11वीं की छात्रा है.
कामडारा प्रखंड के सुरहू नवाटोली की 17 साल की तारा कुमारी प्लस टू उवि बसिया की छात्रा है. वह कस्तूरबा स्कूल से मैट्रिक पास की है. इस वर्ष लॉकडाउन के दौरान उनके माता-पिता ने उसका विवाह करने का निर्णय लिया था. वर पक्ष की ओर से लोग तारा को देखने आये थे, परंतु तारा ने विवाह करने से मना कर दी. उसने अपने बड़े भैया विक्रम साहू को अपने निर्णय के बारे में बताते हुए आगे पढ़ाई करने की इच्छा जतायी, ताकि भविष्य में आत्मनिर्भर बन सके. इसके बाद माता-पिता को समझाया गया. इसके बाद तारा की शादी टल गयी और वह बालिका वधू बनने से बच गयी. तारा ने बताया कि सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज इंडिया द्वारा संचालित “उड़ान” तरुण शिक्षा कार्यक्रम में वह भाग लेते रही हैं, जिससे उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है.
रायडीह प्रखंड के महुआटोली गांव की 17 वर्ष की अंजुलिका केरकेट्टा ने वर्ष 2020 में हाई स्कूल बांसडीह से मैट्रिक की परीक्षा पास की है. उसके पिता संदीप केरकेट्टा दैनिक मजदूर हैं. आर्थिक हालत खराब रहने के कारण उसे अपनी पढ़ाई की चिंता थी, परंतु उसने कड़ी मेहनत तथा सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज इंडिया के शिक्षा संवर्धन कार्यक्रम के सहयोग व मार्गदर्शन से अंजुलिका ने मैट्रिक की परीक्षा 52 प्रतिशत अंक लाकर उत्तीर्ण की थी. अभी वह गुमला में रह कर 11वीं की पढ़ाई कर रही है. वह शिक्षा संवर्धन की चैंपियन है.
Posted By : Sameer Oraon