Jharkhand News, Gumla News रायडीह : रायडीह अस्पताल से रविवार की शाम को डॉक्टर गायब थे. नर्स भी नहीं थी. अंत में सड़क हादसे में घायल युवक की मरहम पट्टी रायडीह थाना के एएसआई विरेंद्र देव ने की. हादसे के बाद घायल को अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टर व नर्स नहीं थे. खोजबीन की गयी तो पता चला कि वे लोग क्वार्टर में हैं. बुलावा भेजा गया. परंतु अस्पताल से क्वार्टर की दूरी महज कुछ फासलों पर है और डॉक्टर को क्वार्टर से निकल कर अस्पताल आने में एक घंटा लग गया.
इधर, घायल के खून बहने व खराब स्थिति को देखते हुए खुद एएसआई विरेंद्र देव कुछ देर के लिए डॉक्टर बन गये और घायल का इलाज किये.
यहां बता दें कि रविवार की रात 7:00 बजे रायडीह थाना के खटखोर गांव के समीप सड़क दुर्घटना मे सन्याकोना निवासी अर्जुन मुंडा (40 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हो गया. वह गुमला से अपने घर सन्याकोना जा रहा था. इसकी सूचना रायडीह पुलिस को हुई. सूचना मिलते ही रायडीह थाना के एएसआई विरेंद्र देव गश्ती टीम के साथ घटना स्थल पहुंचे. वे घायल को उठा कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायडीह लाये.
घायल के मुंह व नाक से काफी खून बह रहा था. सिर में गहरा चोट लगा था. समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोई भी डॉक्टर नहीं थे. एएसआई ने एक घंटे तक डॉक्टर का इंतजार किया. परंतु डॉक्टर नहीं आये. इधर घायल मरीज की स्थिति खराब होती जा रही थी. मुंह व नाक से खून बहने की वजह से वह सांस नहीं ले पा रहा था. इस गंभीर अवस्था को देखते हुए एएसआई ने खुद से रुई उठाई और घायल के खून व जख्म साफ किये.
प्राथमिक उपचार किया. डेढ़ घंटे बाद डॉक्टर पहुंचे. उन्होंने घायल को गुमला रेफर कर दिया. घायल को गुमला सदर अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस रहते हुए भी एंबुलेंस नहीं दी गयी. अंत में 108 में फोन कर गुमला से एंबुलेंस बुलायी गयी. वह भी एक घंटे बाद पहुंची.