19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गुमला की आदिवासी बेटी ने दिखायी हिम्मत, परिवार को बचाने के लिए टांगी लेकर भिड़ गयी नक्सलियों से

गुमला में एक आदिवासी बेटी विनीता उरांव ने बहादुरी दिखाते हुए अपने घर के छह सदस्यों की जान बचाने के लिए वह टांगी लेकर पीएलएफआई के नक्सलियों से भिड़ गयी.

गुमला : गुमला में एक आदिवासी बेटी विनीता उरांव ने बहादुरी दिखाते हुए अपने घर के छह सदस्यों की जान बचाने के लिए वह टांगी लेकर पीएलएफआई के नक्सलियों से भिड़ गयी. गोली चलाते हुए दरवाजा तोड़कर घर में घुसे पीएलएफआई के एरिया कमांडर बसंत गोप को विनीता ने टांगी से काट डाला. इससे नक्सली डर गये और अपने घायल साथी को लेकर भाग नकले. लेकिन भागने के क्रम में बसंत की मौत हो गयी. बुधवार की सुबह वृंदा जंगल से बसंत का शव मिला.

मामला गुमला सदर थाना से 10 किमी दूर वृंदा नायक टोली गांव की है. जानकारी के अनुसार पीएलएफआई के 5-6 नक्सलियों ने वृंदा नायकटोली गांव के भीम उरांव के घर पहुंच कर मंगलवार की रात करीब 8.30 बजे हमला कर दिया और अंधाधुंध हवाई फायरिंग की. नक्सली आवाज देकर विनीता उरांव के पति भीम उरांव व परिवार के सभी सदस्यों को घर से निकलने के लिए कह रहे थे. घर का दरवाजा नहीं खुला तो नक्सली दरवाजा तोड़कर अंदर घुस गए. जैसे ही दरवाजा की कुंडी टूटी और नक्सली घुसे. दरवाजे के कोने में छिपी विनीता ने टांगी से बसंत गोप पर हमला कर दिया.

यह देखकर घायल बसंत को नक्सली लेकर भाग निकले. नक्सलियों के भागने के बाद परिवार के लोगों ने गुमला पुलिस अधीक्षक एचपी जनार्दन को फोन पर सूचना दी. जिसके बाद रात को पुलिस गांव पहंचकर कैंप कर रही है. बुधवार को छापामारी के दौरान बसंत गोप का शव जंगल से मिला. शव लकड़ी में बंधा हुआ है. आशंका व्यक्त की जा रही है कि घायल बसंत को उसके साथी लकड़ी में बांधकर भाग रहे थे. परंतु जंगल में उसकी मौत हो गयी. उसके छाती पर चोट के निशान है

पीएलएफआई अब तक छह बार हमला कर चुका है

घर में भीम उरांव, पत्नी विनीता उरांव, भाई पियुष टोप्पो, वृद्ध मां व दो बच्चे हैं. दो साल पहले भीम उरांव के पिता शनिचरवा उरांव की पीएलएफआई के नक्सलियों ने गांव में हमला कर हत्या कर दी थी. स्व शनिचरवा गांव में जलछाजन का काम कराते थे. जिनसे नक्सलियों ने 50 हजार रुपये की लेवी मांगी थी. लेवी नहीं देने पर हत्या की गयी. इसके बाद से परिवार के सभी छह सदस्य रांची पलायन कर गये थे और रांची में रहकर मजदूरी करते थे.

परंतु लॉकडाउन को देखते हुए वे लोग 24 मार्च को अपने गांव आ गए थे. भीम ने कहा कि पीएलएफआई का कमांडर बसंत गोप सहित पांच छह अन्य नक्सली थे जो घर पर हमला किए थे. अबतक छह बार नक्सलियों ने हमारे परिवार पर हमला किया है. नक्सलियों के डर से ही हम रांची में रहते थे लेकिन लॉकडाउन में गांव आने की सूचना पर नक्सलियों ने मंगलवार की रात को हमला कर मेरे परिवार के सभी सदस्यों की जान मारने का प्रयास किया है. मेरी पत्नी विनीता की हिम्मत के कारण हमलोगों की जान बची है.

हिम्मत जुटाकर की हमला

विनीता उरांव ने कहा कि जब नक्सली गोलीबारी करने लगे और मेरे पिता को बाहर बुलाने लगे तो शुरू में मैं डर गयी. एकबार लगा कि अब नक्सली हम सभी को मार देंगे. इस डर के बीच मैं टांगी लेकर घर के दरवाजा के पास छिप गयी. जैसे ही नक्सली दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे. मैंने हमला कर दिया. अंधेरा था. टांगी के वार से नक्सली दरवाजे के पास गिर गया. मैं नक्सली को चार पांच बार टांगी से काटी. इसके बाद नक्सली डरकर अपने घायल साथी को घसीटते हुए लेकर भाग निकले.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें