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Jharkhand: अस्पताल में महिला व गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

गुमला सदर अस्पताल में मुरकुंडा पतराटोली गांव के ढुनू खड़िया की 30 वर्षीय पत्नी सुशीला खड़ियाइन व गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गयी. परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों के अनुसार गर्भवती सुशीला को अस्पताल में भर्ती करने के बाद भी सही से इलाज नहीं हुआ.

दुर्जय पासवान, गुमला

Gumla News: गुमला सदर अस्पताल में मुरकुंडा पतराटोली गांव के ढुनू खड़िया की 30 वर्षीय पत्नी सुशीला खड़ियाइन व गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गयी. परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों के अनुसार गर्भवती सुशीला को अस्पताल में भर्ती करने के बाद भी सही से इलाज नहीं हुआ. जिस कारण जच्चा बच्चा की मौत हो गयी. जब परिजनों ने मौत का कारण पूछा, तो अस्पताल के कर्मियों ने परिजनों के साथ दुर्व्यवहार किया है.

क्या है घटनाक्रम

मृतका के पति ढुनू ने कहा कि रविवार दिन के दो बजे पेट दर्द होने पर सुशीला को अस्पताल लाये. डॉक्टर ने जांच किया तो सबकुछ ठीक है कहा गया. बताया गया कि गुमला अस्पताल में ही डिलिवरी हो जायेगी. परंतु भर्ती लेने के बाद एक बार भी ठीक से मरीज को नहीं देखा गया. अचानक सोमवार की सुबह सुशीला की मौत हो गयी. ढुनू ने कहा कि पत्नी के मौत के बाद शव ले जाने को लेकर दुर्व्यवहार किया गया. उन्होंने मामले की जांच के दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग किया.

डॉक्टर ने क्या कहा

इधर, महिला डॉक्टर ने कहा कि पीड़िता गर्भवती थी. उसका पहला बच्चा था. उसे जब भर्ती किया गया. उसका बीपी अधिक बढ़ा हुआ था. वह बार-बार झटका ले रही थी. वह होश में भी नहीं थी. हमलोगों ने इलाज कर उसे स्टेबल किया. सूई भी दिया गया. 10 से 12 घंटे के बाद ऑपरेशन करना था. उसकी तैयारी हो गयी थी. परंतु इसी दौरान महिला जोर-जोर से सांस लेने लगी. अचानक उसकी स्थिति खराब हो गयी और मौत हो गयी. सांसद प्रतिनिधि भोला चौधरी ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन मामले की निष्पक्ष जांच कराये. अस्पताल पर लोगों को विश्वास है. परंतु इस प्रकार की मौत के बाद परिवार से दुर्व्यवहार करना गलत है.

पत्नी व शिशु की मौत से मातम

ढुनू मजदूरी व खेतीबारी करता है. खेतीबारी नहीं होने पर पति-पत्नी दूसरे राज्य में मजदूरी करते हैं. परिवार गरीबी में जी रहा है. पहला बच्चा होने वाला है. इससे वह खुश था. पत्नी को डिलेवरी के लिए खुशी खुशी अस्पताल में भर्ती कराया था. परंतु पत्नी के साथ पेट में पल रहे बच्चे की मौत से परिवार में मातम छा गया है.

क्या कहते हैं अधिकारी

अस्पताल की लापरवाही से गर्भवती की मौत हुई है. जब गर्भवती को लाया गया तो स्थिति ठीक थी. परंतु ऑपरेशन में देरी होने के कारण उसकी मौत हो गयी. अस्पताल के कर्मियों का व्यवहार ठीक नहीं है. इसपर सुधार होनी चाहिए.

संयुक्ता देवी, उपाध्यक्ष, जिला परिषद

ऑपरेशन की तैयारी चल ही रही थी कि गर्भवती की मौत हो गयी. गर्भवती की हार्ट अटैक से मौत हुई है. परिजनों से अगर दुर्व्यवहार हुआ है, तो इसकी जांच कर दोषी स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

डॉ आनंद किशोर उरांव, डीएस, गुमला

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